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अयोध्या में श्रीराम के मंदिर निर्माण की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा है। नरेंद्र मोदी सरकार ने मंदिर निर्माण ट्रस्ट का प्रस्ताव पारित कर दिया। खुद प्रधानमंत्री ने लोकसभा में अपनी कैबिनेट बैठक में लिए निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ गठित किया गया है। जो कि राम मंदिर के निर्माण से जुड़े सभी फैसले लेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि बुधवार को कैबिनेट मीटिंग हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर, राममंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया। सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक वृहत योजना तैयार की है। मोदी ने कहा कि ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ रखा गया है। उपरोक्त न्यास राममंदिर निर्माण से जुड़े सभी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में उत्तर प्रदेश सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि देने का अनुरोध किया गया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दर्शन के लिए श्रद्धालू अयोध्या आएंगे। जिसके मद्देनजर अधिग्रहित 67 एकड़ जमीन राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र को दी जाएगी। बकौल मोदी भव्य और दिव्य श्री राममंदिर के निर्माण के लिए गठित हुआ यह स्वायत्त ट्रस्ट स्वायत्त रूप से फैसले लेगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को ऐतिहासिक फैसला देकर राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का पटाक्षेप कर दिया था। पांच सदस्यीय ‘संविधान पीठ’ ने शिया वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज करते हुए, विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का आदेश दिए। इसके अलावा केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया था।
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