दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए मतदान शांतिपूर्ण हो गया है। सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में लॉक हो गई है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणवीर सिंह के मुताबिक 61.5 फीसदी वोटिंग हुई। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में सबसे अधिक और नई दिल्ली में सबसे कम मतदान का प्रतिशत रहा। लेकिन 2015 के चुनाव में हुई 67 फीसदी केे मुकाबले कहीं कम वोटिंग हुुुई। अब सबको 11 फरवरी को होने वाली मतगणना का इंतजार है।
बेहद तीखे चुनाव प्रचार के बाद दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान पूरा हो गया। वैसे तो कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे। लेकिन सत्ताधारी आप और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है। भाजपा ने सीएए-एनआरसी केे खिलाफ शाहीनबाग में जारी विरोध प्रदर्शन पर ध्रुवीकरण करने में जोर लगाया।लेेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पांच साल के कार्यकाल में हुए विकास पर वोट मांगे।
भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर प्रचार अभियान केंद्रित रखा। कांग्रेस ने मतदाताओं को पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए दिल्ली के विकास की याद दिलाई। कांग्रेस बमुश्किल एक दर्जन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति में है, वरना आप और भाजपा में ही सीधी टककर है। भले ही चुनाव केंद्रशासित दिल्ली का है लेकिन मुकाबला नरेंद्र मोदी बनाम अरविंद केजरीवाल रहा।
हालांकि प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंकने भाजपा अपनी जीत के दावे कर रही है, लेकिन एग्जिट पोल आप की सरकार बनने के रुझान बता रहे हैं। अब सबको 11 फरवरी को होने वाली मतगणना का इंतजार रहेगा।
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