राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रीय दृष्टि बाधित दिव्यांगों को स्वर्ण प्राशन औषधि की बूंदे पिलाने के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने देहरादून केे राजपुर रोड स्थित एन.आई.वी.एच के मैदान में ड्राप पिलाईं। इस कार्यक्रम का आयुर्वेद विश्विद्यालय और राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांग सशक्तीकरण संस्थान ने संयुक्त रुप से आयोजन किया है। राज्यपाल ने हेलन केलर पार्क और अष्टावक्र सभागार सहित संस्थान के कैलेण्डर, पुस्तकों, ब्रेललिपि में बने नक्शों का विमोचन भी किया।
इस मौके पर बेबी रानी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं। स्वर्ण प्राशन संस्कार का उद्देश्य बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एक प्राचीन शास्त्र है और स्वर्ण प्राशन एक आयुर्वेद पद्वति है। मौर्य ने एन.आई.वी.एच. को 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की। राज्यपाल ने एक दृष्टि दिव्यांग बच्चे द्वारा ऊन से बनाये गये फूलों के गुलदस्ते की तारीफ करते हुए संस्थान के निदेशक को इसका अधिक निर्माण करने का सुझाव दिया।
वहीं, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुनील कुमार जोशी ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र के अन्तर्गत स्वर्ण प्राशन की दवा पुष्य नक्षत्र में अति लाभकारी सिद्ध होती है। आयुर्वेद की इस विधा से 16 वर्ष तक आयु के बच्चों में इस दवा से मानसिक विकास को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होती है। पुष्य नक्षत्र में इस दवा से बच्चों को विभिन्न बिमारियों से बचाया जा सकता है।
Comment here