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दिल्ली:केजरीवाल ने ‘आम’ के साथ ली शपथ, सभी पुराने चेहरों को मिली कैबिनेट में जगह

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News Front Live, New Delhi

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने शपथ ले ली। उन्होंने अपनी पिछली सरकार में शामिल रहे सभी मंत्रियों को बरकरार रखा है। दिलचस्प बात ये है कि केजरीवाल ने खास नहीं बल्कि ‘आम’की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कांग्रेस नेता स्वर्गीय शीला दीक्षित के बाद अरविंद दूसरे नेता हैं, जो कि दिल्ली के लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बने।

केजरीवाल सरकार का दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अरविंद समेत सभी मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नई सरकार में मनीष सिसोदिया का पुराना रुतबा बरकरार रहा और उन्होंने दूसरे नंबर पर शपथ ली। उनके अलावा पिछली सरकार के सभी मंत्रियों को केजरीवाल कैबिनेट में जगह मिली है।

ये है अरविंद केजरीवाल की पूरी कैबिनेट:

1 अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री
2 मनीष सिसोदिया, डिप्टी सीएम
3 गोपाल राय, मंत्री
4 सत्येंद्र जैन, मंत्री
5 इमरान हुसैन, मंत्री
6 कैलाश गहलोत, मंत्री
7 राजेंद्र पाल गौतम, मंत्री

तो ऐसे ली अरविंद केजरीवाल ने ‘आम’ के साथ शपथ!

इस बार केंद्रशासित दिल्ली की सरकार नई सरकार के शपथ ग्रहण की खासियत ये रही कि मुख्यमंत्री अरविंद ने खास की बजाय ‘आम’के साथ पद एवं गोपनीयता की कसम खाई। दरअसल, रामलीला मैदान में केजरीवाल के साथ मंच पर डॉक्टर, शिक्षक, चपरासी औऱ महिला मार्शलों समेत अन्य 50 अन्य लोगों को समारोह में विशेष मंच पर जगह दी गई।

ये वो लोग हैं जिन्होंने बतौर मुलाजिम दिल्ली के विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में अपनी भूमिका निभाई। जिसके प्रति आभार जताते हुए दिल्ली के कथित ‘बेटे’ ने उन्हें दिल्ली के निर्माता मानकर शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर जगह दी। केजरीवाल ने संबोधन में कहा कि देश में अब नई राजनीति का आगाज हुआ है। उन्होंने दिल्ली को अपने बेटे को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

गौरतलब है कि 70 सदस्यीय विधानसभा सभा में आप 62 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की। भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत झोंकने के बावजूद सिर्फ 8 सीटें ही हासिल कर सकी। जबकि कांग्रेस पिछली बार की तरह इस बार भी खाता नहीं खोल पाई।

हारे हुए भाजपाई नहीं आए शपथ समारोह में:

भाजपा ने चुनाव प्रचार में धार्मिक ध्रुवीकरण करने की पुरजोर कोशिश की। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने अपना प्रचार 5 साल के काम पर ही केंद्रित रखा। दिल्ली के मतदाताओं ने भी दिल खोलकर उन पर भरोसा जताते हुए, प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी के लिए वोट दिया।

आप सरकार के शपथ ग्रहण में अन्य किसी पार्टी के नेता मुख्यमंत्रियों को नहीं बुलाया गया था। अलबत्ता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन्विटेशन भेजा गया था। इसके अलावा दिल्ली से निर्वाचित भाजपा के सभी 7 सांसदों को भी बुलाया गया था,लेकिन वो शामिल नहीं हुए।

बहरहाल,दिल्ली के जिस रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में सुर्खियों में आए, वहीं पर अरविंद केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

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