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विधानसभा सत्र की बढ़े मियाद- करन माहरा, उपनेता विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल

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Dehradun

उत्तराखंड के उपनेता विपक्ष करन माहरा ने भरालीसैंण (गैरसैंण) में बजट सत्र की कम अवधि पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि इतने अल्प समय में राज्य की सभी 70 विधानसभाओं के मुद्दे समुचित रूप से उठने मुश्किल हैं। माहरा ने मुख्यमंत्री के नजदीकी लोगों के भ्रष्टाचार से जुड़े कथित स्टिंग पर कार्रवाई नहीं होने पर भी सरकार को घेरा।

माहरा ने देहरादून स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में ये बातें कहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि त्रिवेंद्र सरकार सत्र की अवधि कम रखकर जनहित के मुद्दों पर बहस करने से बचना चाहती है। करन ने कहा कि 5 दिन बजट सत्र के लिए बहुत कम हैं। इतनी कम अवधि में विधायक अपने क्षेत्रों के मुद्दे प्रश्नकाल में सही तरीके से नहीं उठा सकते हैं।

उप नेता विपक्ष ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार उत्तराखंड में विकास के हर मोर्चे पर फेल रही है। उसके पास उपलब्धियों के नाम पर कहने के लिए कुछ नहीं है और सदन में बहस से बचना चाहती है। इसलिए भाजपा सरकार रणनीति के तहत विधानसभा सत्र कराने की सिर्फ औपचारिकता पूरी करती है। उन्होंने सभी विधायकों का आहवान किया कि वो सरकार से जनहित में विधानसभा सत्र बढ़ाने के लिए जोर डाले।

इस दौरान AICC के पूर्व सचिव प्रकाश जोशी ने कहा कि अगर पिछले कुछ वर्षों के विधानसभा सत्र के रिकॉर्ड्स पर नजर डालें तो उत्तराखण्ड में बमुश्किल 10-12 दिन ही कामकाज होता है। जो कि शर्मनाक ही नहीं बल्कि उत्तराखण्ड की भोली-भाली जनता के साथ धोखा भी है। जोशी ने कहा कि विधायकों को जनहित में विधानसभा की कार्यवाही बढ़ाने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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