New Delhi,
दिल्ली हिंसा को लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राष्ट्रपति भवन में दस्तक दी है। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला। जिसने हिंसाग्रस्त राजधानी के हालात पर चिंता जताई। जहां सोनिया गांधी ने गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने ‘राज्यधर्म’ के संरक्षण के लिए दखल की मांग की।
इस मौके पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें दिल्ली में हुई हिंसा, आगजनी और पत्थरबाजी में हुई मौतों पर चिंता जाहिर की गई। कांग्रेस ने हिंसा रोकने में नाकामी का ठीकरा केंद्र के गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार दोनों पर फोड़ा। इस प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत अन्य आधा दर्जन कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति भवन से बाहर आकर मीडिया से बातचीत में कहा कि गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार दोनों हिंसा रोकने में नाकाम रहे। जिसके लिए गृहमंत्री मंत्री अमित शाह को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने दिल्ली में मारे गए लोगों के प्रति अपनी सम्वेदनाएं व्यक्त की।
इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली हिंसा में 34 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हुए हैं। जिसके लिए पूरी तरह से ग्रह मंत्रालय और दिल्ली सरकार जिम्मेदार हैं। मनमोहन ने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति से ‘राज्यधर्म के संरक्षण’ के लिए संविधान में निहित अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की गुजारिश की है।
गौरतलब है कि बीते रोज पार्टी मुख्यालय में दिल्ली हिंसा के मद्देनजर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की एक आपातकालीन बैठक भी हुई थी। जिसमें दिल्ली में बिगड़े हालात के लिए केंद्रीय गृहमंत्री को जिम्मेदार मानते हुए पद से इस्तीफ़ा देने की मांग की गई थी।
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