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केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि पिछले 70 सालो में जितने घरों तक पेयजल की आपूर्ति की गई, उसके सापेक्ष 2024 तक उस लक्ष्य को पांच गुना बढ़ाकर, देश के 15 करोड़ ग्रामीण आवासों तक शुद्ध पेयजल पहुॅचाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसे राज्य और केन्द्र सरकारें आपसी तालमेल के साथ पूरा करेंगी।
उन्होंने ये बात ‘सहभागी स्प्रिंग शेड प्रबन्धन के माध्यम से पहाड़ों में पीने योग्य पानी की व्यवस्था’ नामक दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्दघाटन करने के मौके पर कही।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नैनीताल स्थित प्रशासनिक अकादमी में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2024 तक हर घर में नल और हर नल में जल का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए 3.50 लाख करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए लोगों को उसके दीर्घकालिक परिणामों से अवगत कराना होगा। केंद्रीय मंत्री के मुुताबिक स्रोतों के संरक्षण, संवर्धन एवं पुर्नजीवन के लिए जनता को जागरूक करने की जरूरत है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हम केंद्र के जल जीवन मिशन के लक्ष्य को 4.5 साल में पूरा करने के प्रति आशान्वित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आते ही राज्य के 20 लाख शौचालयों के सिस्टन में बिना बजट के एक लीटर की बोतलें डालकर प्रतिदिन एक करोड़ लीटर पानी बचाने का अभियान चलाया था। त्रिवेंद्र ने कहा कि पूर्व में हरेला पर्व पर अल्मोड़ा में कोसी नदी के तट पर 1.67 लाख, देहरादून में रिस्पना नदी क्षेत्र में 2.5 लाख पौधे लगाए गए हैं।
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