उत्तराखंड

‘सीमित संसाधनों वाले प्रदेश में दो राजधानियों का क्या औचित्य है?’- गरिमा दसौनी

×
Latest Posts

Dehradun

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की निवर्तमान प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने मुख्यमंत्री की गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा को एक कोरा राजनीतिक स्टंट करार दिया है। उन्होंने  सीमित संसाधनों वाले प्रदेश में दो राजधानियों के औचित्य पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर  गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी है तो फिर उत्तराखंड की स्थाई राजधानी कौन सी हैै।

गरिमा दसौनी ने कहा कि अगर त्रिवेंद्र रावत गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के प्रति इतने संवेदनशील और गंभीर थे तो बजट में कोई भी प्रावधान गैरसैंण के लिए क्यों नहीं किया गया? उन्होंने  कहा कि राज्यपाल  के अभिभाषण में भी गैरसैंण को राजधानी बनाने के विषय में कोई जिक्र तके नहीं था। इसलिए सम्वेदनशील मामले पर  हल्के पन में की गई इस घोषणा की निंदा होनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राज्य गठन के वक्त साल 2000 में भाजपा की अंतरिम सरकार ने उत्तराखंड को राजधानी से उत्तराखंड की जनता को वंचित रखा। आज त्रिवेंद्र रावत जी के पास एक बड़ा मौका था कि वह पुरानी गलती को 20 साल बाद सुधार सकते थे। उसके बजाय त्रिवेंद्र रावत ने सीमित संसाधनों वाले उत्तराखंड में दो राजधानियों की अव्यवहारिक बात की है।

 

Comment here