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गैरसैंण: ग्रीष्मकालीन राजधानी में अगले 50 सालों के लिए पेयजल की हो व्यवस्था-त्रिवेंद्र

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि गैरसैंण में बनने वाली झील की क्षमता अगले 50 सालों की पेयजल आपूर्ति के मद्देनजर विकसित हो। उन्होंने शुक्रवार को  चौरड़ा झील का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिये कि गैरसैंण में पेयजल की व्यवस्थाओं के लिए सुनियोजित प्लानिंग की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद गैरसैंण एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में सम्भावित आबादी वृद्धि के अनुरूप पेयजल की व्यवस्था की जानी है। रामगंगा पर बनने जा रही चौरड़ा झील साल 2070 तक 31 हजार की आबादी को पेयजल उपलब्ध करायेगी।

त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि रामगंगा पर बनने वाले बांध का डिजायन इस तरह तैयार किया जाए कि भविष्य में इससे पेयजल की क्षमता में और वृद्धि हो सके।
उन्होंने कहा कि इस झील का निर्माण पूर्ण होने से गैरसैंण, भराड़ीसैंण एवं उनके आस-पास के क्षेत्रों में पूर्ण ग्रेविटी का जल उपलब्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था के लिए अधिकारियों को अन्य विकल्प भी तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बांध की टेंडर प्रक्रिया अप्रेल 2020 में की जायेगी। उसके बाद जल्द कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।

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