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जानलेवा ‘कोरोना’ वायरस के मद्देनजर समूचा भारत पूरी तरह से ‘लॉकडाउन’ है। जिससे बेअसर ‘रामलला’ तो नवरात्रि के पहले दिन ही त्रिपाल और टिनशेड से बाहर निकल आए। अब रामायण ने लोगों के घरों में दस्तक दे डाली। दरअसल, Covid-19 वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरा देश अपने घरों में अप्रत्यक्ष कैद में है। जिनके लिए सरकारी चैनल दूरदर्शन ने प्रसिद्ध रामायण धारावाहिक का पुनः प्रसारण शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि 80 से 90 के दशक के मध्य कालजयी हिंदी धारावाहिक ‘रामायण’ प्रसारित हुआ था। मशहूर फिल्मकार रामानन्द सागर ने उसका निर्माण किया। जिसमें अरुण गोविल ने ‘राम’ और दीपिका ने ‘सीता’ के किरदारों को अपने अभिनय से छोटे पर्दे पर अमर कर दिया। उनके अलावा मशहूर पहलवान स्वर्गीय दारा सिंह के अभिनय को देखकर लगता था मानो वो पवनसुत ‘हनुमान’ के किरदार के लिए ही बने हों।
दूरदर्शन ने फिर 28 मार्च से रामायण हिंदी धारावाहिक का सुबह शाम प्रसारण शुरू कर दिया है। आपको बता देंं कि उस दौर में इस धारावाहिक की लोकप्रियता का आलम ये था कि प्रसारण के वक्त सड़कें सुनसान हो जाया करती थीं। ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि टेलीविजन पर रामायण चलते समय अघोषित कर्फ्यू की स्थिति नजर आती थी। इत्तेफाक देखिए आज कोरोना के चलते समूचे भारत में घोषित 21 दिवसीय लॉकडाउन के चलते सड़के खाली पड़ी हैं और रामायण दुबारा छोटे पर्दे पर लौटी है।
अब बात करते हैं ‘रामलला’ की जो नवरात्रि के पहले दिन ही ‘लॉकडाउन’ श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला अस्थायी मंदिर में विराजमान हो गए। जिन्हें खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फाइबर के बने एक ढांचे में विराजित किया। उसके बाद योगी ने ट्वीट करके कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण का पहला चरण पूरा हो गया है।
मतलब एक ओर जहां देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू है, वहीं दूसरी ओर रामलला अयोध्या में त्रिपाल और टिन शेड की जकड़न से निकलकर, एक अस्थायी मंदिर स्थल में विराजमान हो गए। खुद योगी रामलला को गोदी में उठाकर फाइबर के ढांचे में ले गए थे। जहां उन्हें पूरे विधि विधान के साथ विराजित किया गया था।
बहरहाल, जिस रामायण के शुरू होते ही सड़कों पर कर्फ्यू के हालात पैदा होते थे, वो अब तालाबंदी के चलते सूनी सड़कों के दौर में घरों में वापस लौटी है। ठीक इसी तरह रामलला भी लॉकडाउन के वक्त त्रिपाल और टिनशेड से निकलकर अस्थायी मंदिर में विराजमान हुए।
अब इसके पीछे कोई राजनीतिक रणनीति है अथवा या नहीं ये तो मोदी और योगी ही जाने। लेेेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस बेहद जरूरी हैै। जिसके सुनिश्चित करने के लिए लॉकडाउन किया गया है। हालांकि काम खत्म होने बदहवास दिहाड़ी मजदूर सैकड़ों या हजारों मील पैदल ही निकल पड़े हैं। लेकिन जो लोग अपने घरों में हैंं वो रामायण देखकर अपने समय का सदुपयोग तो कर सकते हैं।
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