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दिल्ली: जमात या कोरोना मौत का जलसा! जमात में शामिल 10 लोगों की मौत, 24 लोग कोरोना पॉजिटिव

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Rahul Singh Shekhawat

कोरोना के मद्देनजर दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके की घटना ने सकते में डाल दिया है। जहां एक मजहबी जलसे में शिरकत करने वाले 9 लोगों की कोरोना से मौत हो गई। जबकि 24 अन्य जमातियों में इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। कमोबेश 334 लोगों को दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मरकज से एक मरकज से 1034 लोगों को निकाल लिया गया है। इस इलाके को सील करके ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है।

लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर लॉकडाउन में दिल्ली पुलिस और प्रशासन ने इस जलसे की इजाजत कैसे दे दी? खुफिया तंत्र भी इसलिए सवालिया निशानों के घेरे में है कि विदेशी नागरिकों सहित इतनी बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा थे तो वह कहां सोया हुआ था। दिल्ली सरकार ने इसे एक आपराधिक कृत्य करार देते हुए एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि वो फंसे रह गए थे अथवा नहीं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक 1500 से 1700 लोगों ने जमात में शिरकत की। जिसका आयोजन  प्रसिद्ध हजरत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास स्थित  ‘तबलीगी जमात’ के मुख्यालय में हुआ था। इस  दौरान प्रवास करने वाले अन्य लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका से हड़कंप मचा है। फिलहाल, पुलिस ने निज़ामुद्दीन के रिहायशी इलाकों को एहतियात के तौर पर सील कर दिया गया है।

अब तक जमात में शरीक हुए 10 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत होने की खबर है। जिनमें 6 लोग अकेले तेलंगाना के राज्य के बताए गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कोरोना संक्रमण से हुई मौतों की पुष्टि की। कर्नाटक, दिल्ली और कश्मीर राज्यों में एक-एक मौतें हुईं। उधर, जिन 334 लोगों को दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, उनकी रिपोर्ट का इंतज़ार है। उनके संपर्क में आए सभी लोगों की ढूंढना टेढ़ी खीर होगा।

बताया गया है कि निजामुद्दीन स्थित मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच एक जलसा आयोजित हुआ था। जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के करीब 600 लोग समेत अन्य आधा दर्जन से ज्यादा देशों के नागरिक शामिल हुए। आधा दर्जन यमन के नागरिकों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती करने का सिलसिला शुरू हुआ।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री जैन के मुताबिक 334 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया और 700 लोग क्वारंन्टीन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने आपराधिक कार्य किया। जिसके लिए हमने लेफ्टिनेंट गवर्नर से करवाई की मांग की है। सवाल ये है कि जलसे का हिस्सा रहे देश के विभिन्न राज्यों के जमाती और उनके संपर्क में आए कितने लोग संक्रमण की चपेट में हैं?

जाने-अनजाने में जमात में शरीक हुए लोगों ने ना सिर्फ अपनी जान बल्कि आस पड़ोस के लिए खतरा पैदा कर दिया। लिहाजा समाज के सयाने लोगों को जमात रोकने की अपील करनी चाहिए। इस कड़ी में फतेहपुरी समेत कई मस्जिदों के शाही इमाम एहतियात के तौर पर जुमे की नमाज घर अदा करने की सराहनीय अपील चुके हैं, ताकि लोग संकमण की जद में ना आएं।

बहरहाल, वैश्विक कोरोना माहमारी के वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पूरे देश लॉकडाउन है। इसके बावजूद देश की राजधानी दिल्ली में सैकड़ों की तादाद में देश-विदेश के नागरिक इकट्ठे रहे।  हमेशा की तरह एक बार फिर यह इंटेलिजेंस फेलियर का बहुत बड़ा उदाहरण है।

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