News Front Live, Dehradun
केंद्र सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के वेतन में 30 फीसदी कटौती हो गई है। इसके साथ ही दो साल तक MLA फंड में एक करोड़ की कटौती होगी। उत्तराखंड राज्य कैबिनेट ने जमातियों के चलते बढ़ी संक्रमण की चुनातियों के मद्देनजर, लॉकडाउन बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित हुई बैठक ये अहम निर्णय लिए गए। जिसके बाद शहरी विकास मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि कोरोना महामारी (कोविड-19) के मद्देेेनजर ये फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट निर्णय के बारे में जानकारी दी।
ये हैं उत्तराखंड कैबिनेट में लिए गए निर्णय
1. भारत सरकार की गाईडलाईन के अनुसार मुख्यमंत्री, मंत्री और समस्त विधायक गणों के वेतन में 30 प्रतिशत कटौती कोविड-19 फन्ड के लिए की गई है। इस कड़ी में आगामी दो वर्षो में विधायक निधि के तहत एक-एक करोड रूपये की कटौती का प्रस्ताव पारित किया गया।
2. प्रदेश में जामातियों की संख्या बढने के कारण कोरोना वाईरस कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए 14 अप्रैल के बाद भी लाॅकडाउन बढाने की संस्तुति केन्द्र सरकार को भेजी जाएगा।
3. खाद्यान सुरक्षा योजना के अन्तर्गत सभी नागरिकों को प्रार्याप्त राशन उपलब्ध कराने का निर्णय लिए गया। इसके तहत अन्त्योदय योजना के अन्तर्गत 35 Kg राशन गेंहू और चावल के रूप में 3 माह का राशन उपलब्ध रहेगा।
खाद्यान सुरक्षा योजना सफेद कार्ड धारक को प्रति यूनिट 05 किग्रा0 चावल, दाल फ्री उपलब्ध कराया जाएगा।
उन दोनों कार्ड से अलग 40 लाख युनिट वाले 10 लाख राशन कार्ड धारकों को 7.5 किग्रा0 राशन की मात्रा को दोगुना कर 15 Kg राशन कार्ड धारकों को अप्रैल, मई, और जून तीन माह के लिए वितरण किया जाएगा। साथ ही, जिसके पास कोई भी राशन कार्ड नही होगा उन्हे राशन किट दिया जाएगा।
4. कोरोना वाईरस कोविड-19 के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विभाग, टैक्निशियन संवर्ग विभिन्न पदों हेतु कुल 347 पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
आज 823 आईसोलेशन बैड, पाॅजिटिव केस हेतु, 1682 संदेहास्पद बैड, 455 आईसीयू, 251 वैंटिलेटर, 8695 PPE किट, वीटीएमकिट सुविधा मौजूद है। इसके अतिरिक्त गैर-सरकारी अस्पताल में भी सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही इस ढांचे को बढाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
5. खाद्यान वितरण-कार्य के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया कि NGO इत्यादि प्रशासन के माध्यम से कराएं।
6. सोशल डिस्टेसिंग पर बल देते हुए कहा गया कि प्रभारी मंत्री अने जनपदों की समीक्षा वीडियों कान्फ्रेंसिंग और टेलीफोन के माध्यम से करे, तथा सभी विधायकगण क्षेत्रों में ना जाकर अपने निवास स्थान पर टेलीफोन के माध्यम से समीक्षा करें।
7. रोजाना आवश्यक सामग्री के खरीद हेतु दी गई समय सीमा को कम करने का अधिकार मुख्यमंत्री को सौंपा गया।
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