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Uttarakhand: रावल ही खुलवाएंगे ‘केदारनाथ’ के कपाट, रावल महाराष्ट्र से पहुंचे उखीमठ, 29 अप्रैल को खुलेंगे कपाट

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कोरोना के मद्देनजर केदारनाथ के कपाट खोलने के तौर तरीकों लेकर को छाया कोहरा हट गया है। वजह ये है कि भोलेबाबा के धाम के रावल भीमाशंकर लिंग शीतकालीन  गद्दी स्थल उखीमठ पहुंच गए हैं। जिससे साफ हो गया है कि अब रावल ही उत्तराखंड स्थित इस ज्योतिर्लिंग के कपाट खोलने की रस्में पूरी करेंगे।

केदारनाथ के रावल 1008 जगतगुरु भीमाशंकर लिंग भगवान केदारनाथ के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित उखीमठ (ऊषामठ) पहुंच गए हैं। वह महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित आश्रम से सड़कमार्ग सेे सफर करते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल उखीमठ पहुंचे। रावल 2 दिन में 2000 किलोमीटर की दूरी गाड़ी से तय करके पहुंचे हैं।

अभी तक रावल पिछले कुछ दिनों से अपने सेवकों के साथ नांदेड़ में एकान्तवास में थे। जहां से चलने से पहले उनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। उनका ऊखींमठ पंहुचने के बाद भी रावल स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उखीमठ में भी फिलहाल एकान्तवास में ही रहेंगे। गौरतलब है कि भीमाशंकर केदारनाथ के 324 वें रावल हैं ।

रावल ने उखीमठ पहुंचने पर कहा कि ‘धर्म और मठ की परंपरा की रक्षा के लिए वे अपने पूर्व रावलों / गुरुओं की भांति कभी भी जान की परवाह भी नही करेंगे’। उनकी मौजूदगी में आगामी 29 अप्रैल को धार्मिक विधि विधान के साथ तयशुदा मुहर्त में केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इस वक्त शीतकाल के लिए कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की गद्दी उखीमठ में विराजमान है।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है। जिसके चलते अटकलें लगाई जाने लगीं थी कि रावल केदारनाथ धाम के कपाट खोलने के लिए पहुंच पाएंगे अथवा नहीं। लेकिन आखिरकार रावल की मौजूदगी में ही परंपरागत तरीक़े से कपाट खोलने का निर्णय लिया गया।

ये है केदारनाथ के कपाट खोलने का कार्यक्रम

25 अप्रैल शीतकालीन गद्दीस्थल उखीमठ में भैरव पूजा

26 अप्रैल को उखीमठ से फाटा के लिए प्रस्थान

27 अप्रैल को गौरीकुंड में विश्राम

28  केदारनाथ पहुंचेगी डोली

29 अप्रैल तड़के तयशुदा मुहूर्त में खुलेंगे कपाट

उधर, केदारनाथ के विधायक मनोज रावत का कहना है मैंने आज रावल जी के उखीमठ पहुंचने के बाद उनके कक्ष के बाहर से ही किए।  केदारनाथ धाम तो सभी हिंदुओं के लिए तीर्थ हैं। लेकिन रावल देश के उत्तर और दक्षिण को जोड़ने वाले सेतू भी हैं। ये हम सबके के लिए खुशखबरी है कि वह पहुंच गए हैं। जिसके बाद परंपरागत रूप से भोले बाबा के धाम के कपाट खुलेंगे।

(Photo: M Rawat)

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