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Congress: सोनिया के खत में PM को सुझाव, MSME सेक्टर के लिए घोषित करें आर्थिक पैकेज, कांग्रेस Covid-19 से लड़ाई में आपके साथ

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New Delhi

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को देश के गंभीर आर्थिक संकट को लेकर एक खत लिखा है। उन्होंने कहा कि पिछले पाँच हफ्तों में हमारे देश ने अनेकों चुनौतियों का सामना किया है। सोनिया ने कहा कि माईक्रो, स्मॉल एवं मीडियम उद्योग (MSME) देश की जीडीपी में एक तिहाई का योगदान देते हैं। इस सेक्टर का देश के कुल निर्यात में 50 प्रतिशत हिस्सा है। एमएसएमई सेक्टर की 6.3 करोड़ इकाईयों में 11 करोड़ से अधिक लोग रोजगार पाते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाऊन से इस सेक्टर को रोजाना 30,000 करोड़ रु. का नुकसान हो रहा है। जिसके चलते एमएसएमई उद्योग वेतन व मेहनताना देने की स्थिति में नहीं हैं। जिसके परिणामस्वरूप वहां काम करने वाले 11 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी छिन जाने का खतरा सर पर मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक विपरीत असर पड़ेगा। जिसके मद्देनजर मैं आपको 5 सुझाव दे रही हूं।

1- एक लाख करोड़ रु. के ‘MSME सेक्टर वेज प्रोटेक्शन’ पैकेज की घोषणा की जाए। इससे इन नौकरियों को बचाने, मनोबल बढ़ाने के साथ ही सेक्टर के सिर पर मंडराते आर्थिक संकट को दूर करने में मदद मिलेगी।

2- एक लाख करोड़ रु. के ‘क्रेडिट गारंटी फंड’ का गठन किया जाए। इससे इस सेक्टर में तत्काल लिक्विडिटी आएगी और एमएसएमई को जरूरत पड़ने पर पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो सकेगी।

3- आरबीआई द्वारा उठाए गए कदम कमर्शियल बैंकों के जमीनी क्रियान्वयन में भी दिखाई दें, जिससे एमएसएमई इकाइयों को पर्याप्त, आसान दरों पर व जल्द से जल्द कर्ज सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा आरबीआई के मोनेटरी (मौद्रिक) निर्णयों को सरकार की संपूर्ण वित्तीय मदद मिले, जिससे इन इकाईयों को लाभ पहुंचे। मंत्रालय में एक 24/7 हैल्पलाईन बहुत उपयोगी होगी, जो इस अवधि में एमएसएमई को मार्गदर्शन देकर सहायता प्रदान करे।

4- इन उपायों के अलावा लोन के भुगतान के लिए आरबीआई द्वारा घोषित लोन मोरेटोरियम का लाभ एमएसएमई इकाईयों के लिए 3 माह से आगे बढ़ाकर इसका विस्तार किया जाए। सरकार को एमएसएमई के लिए टैक्स में छूट/कटौती तथा अन्य सेक्टर विशेष समाधान भी तलाशने चाहिए।

5- अत्यधिक कोलेटरल सिक्योरिटी के चलते एमएसएमई इकाईयों को कर्ज नहीं मिल पाता। एमएसएमई इकाईयों के लिए ‘मार्जिन मनी’ की सीमा भी मौजूदा स्थिति में बहुत अधिक है। इन कारणों से एमएसएमई सेक्टर को कर्ज की उपलब्धता कम है। इस समस्या का फौरन समाधान करना भी अति आवश्यक है।

सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने स्वीकारा है कि एमएसएमई इकाईयां हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कांग्रेस का सरकार को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में  सहयोग देना जारी रहेगा। लेकिन देश की रीढ़ MSME सेक्टर को सुरक्षित रखने के लिए इस वक्त आर्थिक पैकेज देना बहुत जरूरी है।

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