News Front Live, Dehradun
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने सरकार के उस आदेश को हैरतअंगेज़ करार किया है, जिसमें उच्च शिक्षा विभाग ने अपने सभी प्राचार्यों और अधयापकों को मुख्यालय में हाज़िर होने को कहा है। उन्होंने कहा कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि शासन ने ऐसा नहीं करने की सूरत मे शिक्षकों की अप्रैल की तनख्वाह काट लेने की धमकी भी दी है।
दसौनी ने कहा कि आज के परिदृश्य में ये कैसे संभव होगा जबकि सभी जिलों के बॉर्डर सील किये जा चुके हैं। इस तरह के बेतुके आदेश जारी करना शिक्षकों के साथ बड़ी ज्यादती होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस प्रकार के तुगलकी फैसले पर पुनः विचार करें।
गौरतलब कि हाल ही में सूबे के उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों को अपने-अपने मुख्यालयों में रिपोर्ट करने को कहा था। इतना ही नहीं ऐसा नहीं करने वाले प्राचार्य और शिक्षकों का अप्रैल महीने का वेतन काटने का फरमान जारी किया है। हालांकि ये बात और है कि विद्यालयी शिक्षा विभाग में अभी तक ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
दरअसल, कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक अपने गृह जिलों में पहुंच गए थे। जिसके बाद एक से दूसरे जिले में आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी है। जिसके मद्देनजर कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल खड़ा किया है कि इन हालत में शिक्षक अपने-अपने मुख्यालय कैसे पहुंच पाएंगे। उन्होंने सरकार से इस तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग की है।
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