News Front Live, Dehradun
कांग्रेस ने उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री को स्कूलों में फीस माफ करने की घोषणा पर कठघरे में खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने उस फैसले की निंदा की है जिसमें सभी विद्यालयों को यह निर्देश दिया गया है कि वह ट्यूशन फीस के अलावा सभी मदों की फीस ना लें।
दसौनी ने कहा की अगर प्राइवेट स्कूलों के पूरे फीस स्ट्रक्चर को देखा जाए तो उसका 80 फीसदी हिस्सा ही ट्यूशन फीस का होता है। ऐसे में अभिभावकों को शिक्षा मंत्री द्वारा लिए गए इस फैसले से कोई राहत नहीं मिलेगी। आज कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के चलते समाज के हर तबके के सामने भारी आर्थिक संकट है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अभिभावकों के लगातार फीस माफी के दबाव के चलते शिक्षा मंत्री ने निर्णय तो ले लिया लेकिन यह महज एक झुनझुना दिखाई पड़ता है। उन्होंने देहरादून के ही एक स्कूल का उदाहरण देते हुए कहा कि ₹3700 की फीस में ₹2300 तो ट्यूशन फीस में शामिल होती है। ऐसे में अगर अन्य मदों की फीस को माफ भी कर दिया जाता है तो अभिभावकों को कोई राहत नहीं मिलेगी।
गरिमा ने सीधे-सीधे आरोप लगाया की शिक्षा मंत्रालय के इस निर्णय से अभिभावक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने जोड़ा कि लगता है इस फैसले से ऐसा प्रतीत होता है के शिक्षा मंत्री श्री अरविंद पांडे इस बात से वाकिफ ही नहीं है कि पूरी फीस में ट्यूशन फीस ही सबसे अधिक होती है। ऐसे में शिक्षा मंत्री और उनका मंत्रालय कोरी वाहवाही लूटने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।
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