News Front Live, Dehradun
मुख्य सचिव (CS) उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड के प्रवासियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में राज्य सरकार प्रवासियों को ट्रेन से लाने के खर्च को वहन करेगी। उन्होंने ये बात बुधवार को सचिवालय में कोविड-19 की स्थिति पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कही।
सिंह ने कहा कि लगभग 1 लाख 64 हजार प्रवासियों ने उत्तराखंड आने के लिए पंजीकरण कराया है। अभी तक 7300 लोगों को दूसरे राज्यों से लाया जा चुका है। जबकि 8146 को राज्य के भीतर ही एक जिले से दूसरे जिले में भेजा गया है। जो भी उत्तराखण्ड लौटना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा। लेकिन थोड़ा संयम और धैर्य रखने की जरूरत है।
मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कई तरह की सावधानियां बरतनी होती है। इसलिए एक साथ इकट्ठा सबको नहीं लाया जा सकता है। स्वास्थ्य परीक्षण, वाहनों की व्यवस्था, रूकने की व्यवस्था आदि बातें देखनी होती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस काम में दिन रात लगी है। दूसरे राज्यों में रह रहे उत्तराखंड के लोगों की वापसी का काम सुनियोजित तरीके से किया जाना है।
उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हरियाणा से 1500 लोगों को निजी वाहन से आने की अनुमति दी गई है। वहां बसें भी भेजी जाएंगी। उदयपुर व जम्मू से 400-400 लोगों को लाने की व्यवस्था की जा रही है। गुजरात व महाराष्ट्र को सूचना दी गई है कि सूरत, अहमदाबाद व पुणे से लोगों को ट्रेन से लाया जाना है। हमारी रेल मंत्रालय से बात हो चुकी है। लेकिन संबंधित राज्यों को भी रेल मंत्रालय से बात करनी है। उत्तराखण्ड के लोगों को ट्रेन से लाने का खर्च उत्तराखण्ड सरकार वहन करेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि केरल के दो शहरों से भी लगभग 1000 लोगों को लाया जाना है। भारत सरकार द्वारा विदेशों से भारतीय नागरिकों को लाने की व्यवस्था की जा रही है। इनमें उत्तराखण्ड का व्यक्ति होने पर विदेश मंत्रालय द्वारा हमें अवगत कराया जाएगा। इसके लिए हमने एसओपी तैयार कर ली है। उन्होंने प्रवासियों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।
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