चुनाव रिपोर्टटेढ़ी नजरनजरिया

Liquer Care: राज्य सरकारें शराब के सहारे ही करेंगी कोविड केयर!

×
Latest Posts

By Rahul Singh Shekhawat

पहले दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, फिर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ, और अब उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत। इन तीनों मुख्यमंत्रियों ने कोरोना से लड़ने के लिए शराब का सहारा लिया है। तीनों राज्यों ने देशी, अंग्रेजी औऱ विदेशी शराब पर Covid टैक्स लगा दिया है। दरअसल, कोरोना काल में जारी लॉक डाउन से राजस्व प्राप्ति पर ब्रेक लग गया है।

इस सूखे को खत्म करने के लिए तीनों राज्य सरकारों को शराब में उम्मीद की किरण नजर आई। केजरीवाल ने तो शराब के दामों में रिकॉर्ड तोड़ एक झटके में 70 फीसदी तक इजाफा कर डाला। योगी सरकार ने देसी शराब पर 5 रुपये, मीडियम क्लास में 10 से 30 रूपए और रेगुलर शराब में 50 रुपए प्रति बोतल कीमत बढ़ाई। प्रीमियम पर 50 रुपये और इम्पोर्टेड शराब पर 500 रुपए प्रति बोतल दाम बढ़े।

उसी तर्ज पर उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार ने देसी पर 30 रुपये और अंग्रेजी शराब पर 30 से 100 रुपए प्रति बोतल बढ़ाए। वहीं विदेश से आयात होने वाली शराब की एक बोतल पर 475 रुपये बढ़ा दिए हैं। जिससे साफ है कि राज्य सरकारें चाहे जो दावे करें लेकिन राजस्व बढ़ाने के लिए आबकारी पर ही निर्भरता कायम है। उसकी बड़ी वजह ये है कि बिना विरोध के हासिल भी हो जाता है।

मुझे नहीं मालूम कि शराब पर तल्ख टिप्पणी करने वालों को नशे के राजस्व से इलाज कराने में कोई आपत्ति होगी या नहीं। लेकिन इस कदर थोक के भाव दाम बढ़ाना कहीं ना कहीं मदिरा सेवन करने वालों के साथ बड़ा अन्याय है। ठीक वैसे जैसे जनरल यात्रा टिकट पर रहम और उच्च श्रेणी में टिकट बढ़ाने का सितम करने की रेलवे में परंपरा चली आ रही है।

मतलब साफ है कि राज्य सरकारें शराब के सहारे ही कोविड केयर करेंगी। वजह ये कि उन्होंने इसके सिवा कोई दूसरा  वैकल्पिक रास्ता तलाशने की कभी जरूरत ही नहीं  समझी है। खैर! उम्मीद रखिए सरकारें शराब के बढ़े दामों से मिलने वाली रकम ‘हेल्थ केयर’ में ही खर्च करेंगी।

(लेखक जाने माने टेलीविजन पत्रकार हैं)

 

Comment here