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UP: लॉक डाउन में वापस लौटे श्रमिकों को रोजगार देगी योगी सरकार!

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Rahul Srivastava, Lucknow

कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते काम धंधे बंद होने के बाद प्रवासी श्रमिक राज्य वापस लौट रहे हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या योगी सरकार उन्हें रोजगार मुहैया करा पाएगी।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार के मद्देनजर अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रेडीमेड गारमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, गो आधारित उत्पाद, फूलों की खेती और फूलों से बनने वाले सह उत्पादों में रोजगार की संभावनाएं तलाशने को कहा है।

श्रमिकों को ससम्मान सुरक्षित वापसी करने वाला पहला राज्य 

मुख्यमंत्री का दावा है कि UP देश का पहला राज्य है, जिसने दूसरे प्रदेशों में रह रहे अपने श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी की शुरुआत की। उनका कहना है कि करीब 20 लाख प्रवासी  घरों वापसी करेंगे। सरकार सबको स्थानीय स्तर पर उनके हुनर के अनुसार रोजगार देने को हम प्रतिबद्ध हैं। हम  कोरोना जनित इस संकट को अवसर में बदलेंगे। इसके लिए हमने श्रम कानूनों में संसोधन भी किया है।

हर रोज तीन दर्जन ट्रेनों से आ रहे प्रवासी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेन से करीब सवा लाख प्रवासी श्रमिक उप्र पहुंच चुके हैं। 35 ट्रेन रास्ते में हैं और अगले कुछ दिनों तक रोज श्रमिकों को लेकर 35 से 40 ट्रेन उप्र में पहुंचेंगी। खाड़ी देशों से आज हवाई जहाज से आने वालों में भी सब अपने प्रदेश के श्रमिक एवं कामगार ही हैं।  सेहत की जांच में स्वस्थ्य पाये जाने वाले को 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता और तय मात्रा में राशन के साथ होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जा रहा है। संदिग्ध को क्वारंटाइन सेंटर पर ही आगे की जांच के लिए आइसोलेट किया जा रहा है।

क्वारंटीन पूरा होते ही देगें काम: योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कार्ययोजना क्वारंटीन पूरा करने वाले श्रमिकों को तुरंत काम देने की है। मनरेगा, ईंट भट्ठे, चीनी मिलें और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़ी इकाईयों में इनको समायोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पेकिंग, ट्रांसपोरटेशन और विपणन के क्षेत्र में रोजगार की भारी संभावनाएं हैं।

इसी तरह हम उप्र को रेडीमेड गारमेंट का भी हब बना सकते हैं। गोवंश के जरिए गो अधारित जैविक खेती, गो मूत्र और गोबर से बनने वाले उत्पादों और फूलों से बनने वाले इत्र, अगरबत्ती और उसके बचे हिस्से से कंपोस्ट की संभावनाओं को भी कल्टीवेट किया जाय। सरकार महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देने को प्रतिबद्ध है। सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए महिलाओं को हर संभावित क्षेत्र में समायोजित किया जाएगा।

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