News Front Live, Dehradun
वैसे तो भारतीय राजनीति में व्यक्तिगत पूजा और चापलूसी कोई नई बात नही हैं। लेकिन उसकी पराकाष्ठा का संस्करण उत्तराखंड में सामने आया। जहां भाजपा सरकार के एक मंत्री औऱ एक विधायक ने पहले नरेंद्र मोदी की आरती का विमोचन किया और फिर जाप किया। जिस पर घोर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने देवभूमि में देवी-देवताओं का अपमान करार दिया। वहीं बैजफुट पर आए भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी में व्यक्ति पूजा को नकारते हुए विधायक को तलब करके आगे ऐसा नहीं करने का ताकीद किया।
दरअसल, देहरादून में कोरोना संकट में जरूरत मंदों की सेवा करने वाले भाजपाइयों को सम्मानित करने का एक कार्यक्रम हुआ था। जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत और विधायक गणेश जोशी ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री का महिमामंडन करने वाली रेणु पंत लिखित आरती का विमोचन ही नहीं किया बल्कि मंच पर खड़ा होकर जाप भी किया। विधायक ने मामले के तूल पकड़ने पर दो कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि वह तो मोदी की मूर्ति भी बनवाएंगे।
आगे की कहानी बाद में पहले आप मोदी आरती की चार लाइन पढ़ लीजिए।
‘आरती कीजै नरेंद्र लला की, कोरोना दलन गुजरात कला की।
हीरा पुत्र महा बलदाई, जनता सेवक सदा सहाई।
जाके बल से दुनिया कांपे, विरोधी जाके निकट ना झाँपे।
दे सत्कार ट्रम्प पठाये, ये दवाई विश्व सुधी लाये।’
विपक्षी कांग्रेस ने मंत्री और विधायक सरीखे ओहदेदारों के सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री की आरती गाने पर आड़े हाथों लेने में देर नहीं लगाई। प्रदेश प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने कहा कि मंत्री धन सिंह रावत और मसूरी विधायक गणेश जोशी ने सनातन हिंदू धर्म का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी इंसान हैं और उन्हें देवी-देवताओं के समतुल्य नहीं रखा जा सकता। लेकिन मंत्री और विधायक ने चाटुकारिता के लिए हिंदू धर्म का अपमान किया है।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान एक घेराव कार्यक्रम के दौरान विधायक गणेश जोशी पर पुलिस के घोड़े शक्तिमान पर हमला करने के आरोप भी लगे थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मोदी आरती पर चौतरफा हमलों के बाद विधायक जोशी को तलब किया। उन्होंने कहा कि पार्टी में व्यक्ति पूजा की कार्य संस्कृति नहीं है। भगत ने विधायक को आगे इस तरह मामलों से बचने की हिदायत दी। साथ ही भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस को नकारात्मक राजनीति करने से बाज आने को कहा।
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