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Soniya Gandhi: मोदी सरकार जरूरतमंदों के लिए खोले खजाना, देश को भूखे प्यासे मजदूरों के दर्द का है अहसास, केंद्र सरकार सड़कों पर पैदल चल रहे मजदूरों की पीड़ा से बेखबर

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News Front Live, New Delhi

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना है कि दो महीने के लॉक डाउन की मार से प्रवासी मजदूर और गरीब तबके के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा है। इसलिए मोदी सरकार को अपना खजाना खोलकर 6 महीने के लिए जरूरतमंदों को हर महीने 7500 रुपये दे और मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार मुहैया कराए।

सोनिया ने वीडियो संदेश के जरिए कोरोना संकट काल में मुसीबतें झेल रहे मजदूर और आम आदमी की आवाज बुलंद की। इस कड़ी में कांग्रेस ने सोशल मीडिया के जरिए राष्ट्रव्यापी Speak Up India अभियान चलाया। जिसके तहत लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं ने सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक फेसबुक और ट्वीटर पर लाइव किया। हर छोटे-बड़े कांग्रेसी ने लॉक डाउन के चलते हो रही मुसीबतों को केंद्र सरकार के संज्ञान में लाने की मुहिम चलाई।  गांधी ने कहा कि यह तालाबंदी से प्रभावितों की आवाज़ बुलंद करने का सामाजिक अभियान है।

सोनिया गांधी ने कहा कि आजादी के बाद ऐसा दर्दनाक मंजर पहली बार देखने को मिला है। जब भूखे प्यासे लाखों मजदूर सैंकड़ों और हजारों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हैं। पूरे भारत ने तो उनकी पीड़ा का महसूस की लेकिन केंद्र सरकार को मजदूरों के दुख दर्द का अहसास नहीं हुआ। सोनिया ने मोदी सरकार से आग्रह किया कि वो खज़ाने का ताला खोल कर  ज़रूरत मंदों को अविलंब राहत दे। गांधी ने मांग उठाई की हर परिवार को छह महीने के लिए 7,500 रुपए प्रतिमाह सीधे कैश भुगतान करे और उसमें से 10,000 रुपए फौरन दिया जाए।

कांग्रेस अध्यक्ष नेे कहा कि सरकार मज़दूरों को सुरक्षित और मुफ्त यात्रा का इंतज़ाम कर घर पहुंचाए। उनके लिए रोज़ी-रोटी और राशन का इंतजाम किया जाए। उन्होंने कहा कि देश में  औद्योगिक उत्पादन ठप्प है और रोजगार के अवसर खत्म हो गए हैं। इसलिए महात्मा गांधी मनरेगा योजना में 200 दिन का काम सुनिश्चित किया जाए, ताकि गांव में ही रोज़गार मिल सके। सोनिया ने छोटे और लघु उद्योगों को ऋण देने की बजाय आर्थिक मदद करने जा आग्रह किया। ताकि करोड़ों लोगों की नौकरियां बचें और देश की तरक़्क़ी  हो सकेे।

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