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Supreme आदेश: 15 दिन में प्रवासी मजदूरों को घर पहुचाएं सरकार, लॉक डाउन में दर्ज मुकदमें हों खत्म, मजदूरों के रोजगार की योजना बनाएं सरकार

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News Front Live, Dehradun

लॉक डाउन के चलते डीजी झेलने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 15 दिन के भीतर प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जाए। इसके साथ ही मजदूरों को रोजगार देने के लिए डेटा बेस और प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन तोड़ने के लिए दर्ज सभी केस भी वापस लिए जाएं।

उच्चतम न्यायालय के जस्टिस अशोक भूषण, एस के कौल और एम आर शाह की खंडपीठ ने इसके बाबत केंद्र एवं राज्य सरकारों को हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि बचे हुए सभी प्रवासी मजदूरों को 15 दिन के अंदर उनके घर भेजना सुनिश्चित किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए कि इसके लिए 24 घंटे के भीतर और ज्यादा श्रमिक ट्रेन चलाई जाएं। इसके अलावा उनके रोजगार के लिए स्किल मैपिंग और काउंसिलिंग की जाए। कोर्ट ने प्रवासीयों के एम्प्लॉयमेंट डेटा की जांच करने को कहा। खंडपीठ ने लॉकडाउन के दौरान ठोंके गए मुकदमें वापस लेने का हुक्म दिया।

उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के इंतजाम करेगी। जिसके लिए उनकी स्किल मैपिंग के जरिए कार्यकुशलता जांची जाएगी। जिसके हिसाब से मजदूरों को आजीविका के साधन मुहैया कराए जा सकें। कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के जरिए प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासियों के कल्याण के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं की डिटेल मांगी है।  साथ ही उनकी काउंसिलिंग की व्यवस्था के निर्देश दिए गए। खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों को इसके बाबत हलफनामा देने के निर्देश दिए हैं।

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