News Front Live, Dehradun
उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना संकट काल में केंद्र की विफलता वर्चुअल रैली के प्रपंच से नहीं छुप पाएगी। मंत्री महोदया ने 2014 से शुरू हुई जुमले सरीखी फ्लॉप योजनाओं का बखान किया। बेहतर होता अगर मोदी सरकार के निकम्मेपन से निजात दिलाने का जरिया बनी मनमोहन सिंह सरकार की मनरेगा योजना के लिए दो शब्द आभार के भी बोल देती।
दसौनी ने कहा कि देश के सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया और वो कोरोना काल में इसे मोदी सरकार की उपलब्धि बता रही हैं। विपक्ष पर राजनीति करने की तोहमत लगाने वाली भाजपा बताए कि कोरोना संकट काल में ये राजनीति है या परोपकार। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने फरवरी में ही मोदी सरकार को कोरोना के मद्देनजर खतरों से आगाह कर दिया था। लेकिन संवेदनहीन भाजपा सरकार ने तब उनकी बातों की मजाक उड़ाई थी। और अब भाजपा उनके परिजनों से माफी मांगने की बजाय रैलियों का जश्न मना रही है। ताकि नाकामियों से ध्यान भटकाया जा सके।
गरिमा ने कहा कि लॉक डाउन से ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था तबाह हुई बल्कि तमाम मजदूरों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की अविवेकपूर्ण नोटबन्दी और जीएसटी ने पहले ही अर्थव्यवस्था की तबाही की इबारत लिख दी थी। बची खुची कसर राज्यों को भरोसे में लिए बिना हड़बड़ी में की गई तालाबंदी ने पूरी कर दी है। जिससे देश मे 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरियां चली गईं। लेकिन ईरानी ने रैली में इन बुरी स्मृतियों का जिक्र करने की बजाय सरकारी झूठ का गुणगान किया।
दसौनी ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पौने तीन लाख और उत्तराखंड में 1600 होने को तैयार है। लेकिन आत्ममुग्धता की शिकार मंत्री महोदया गंदी राजनीतिक नीयत से झूठा गुणगान करके कोरोना की मार झेल रहे देश के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया। अच्छा होता अगर वो केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारों की विफलता के लिए देश से माफी मांगती।
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