News Front Live, ladakh/New Delhi
भारत और चीन की सेना के बीच लद्दाख में हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित 20 सेना के जवान शहीद हो गए। जिसकी भारतीय सेना ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि करते हुए कहा कि इस झड़प में चीन को भी भारी नुकसान हुआ है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) चीन के साथ संघर्ष में साल 1975 के बाद 45 साल बाद पहली बार भारतीय सैनिकों की शहादत हुई है।
ये घटना केंद्रशासित लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार-मंगलवार मध्य रात की है। जहां चीन और भारत की सेना के जवानों के बीच सीधा संघर्ष हुआ। जिसमें भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 20 जवानों की मौत हुई। भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा, ‘भारत और चीन की सेना गलवान इलाक़े से पीछे हट गई है। 15/16 जून की रात यहीं पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी।
लद्दाख के झड़प और गतिरोध वाले इलाक़े में ड्यूटी के दौरान 17 भारतीय सैनिक गंभीर रूप से ज़ख़्मी हो गए थे। शून्य डिग्री से भी नीचे तापमान और बेहद ऊंचाई वाले इस इलाक़े में गंभीर से रूप ज़ख़्मी इन 17 सैनिकों मौत हो गई। यहां कुल 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है। भारतीय सेना देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’
गौरतलब है कि इसके पहले भारतीय सेना ने अपने बयान में एक सैन्य अधिकारी और दो जवानों की मौत की बात कही थी। साथ ही भारतीय सेना की ओर से यह भी बताया गया था कि दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तनाव कम करने के लिए बात कर रहे हैं।
उधर, पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सोमवार को दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मंगलवार देर शाम तक हाई पावर मीटिंग का सिलसिला चलता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्र एस जयशंकर समेत ने मंगलवार को सेना के प्रमुखों की मौजूदगी में हालत पर गम्भीर चर्चा की।
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