चुनाव रिपोर्ट

UP: कानपुर में पुलिस पर हमला, ‘रामराज्य’ में अपराध रूपी ‘रावण’ का बोलबाला!

×
Latest Posts

Altmash Siddiqui

एक बार फिर उत्तर प्रदेश के कथित ‘रामराज्य’ में अपराध रूपी ‘रावण’ ने सिर उठाया है। दबंगों ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को खुली चुनौती देते हुए खाकी का सीना ही छलनी कर दिया। राजधानी लखनऊ के करीबी जिले कानपुर में खूनी खेल हुआ। जिसमें एक डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी वीरगति को प्राप्त हो गए।

इस खौफनाक वारदात ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और सरकार के दावों पर सिरे से सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। साथ ही खाकी के कमज़ोर होते इकबाल और अपराधियों-बदमाशों के बुलंद हौसलों की तस्वीर सामने आई है। जिससे राज्य की भाजपा सरकार के अपराध मुक्त शासन देने के दावे बेमानी से लगते हैं।

उत्तर प्रदेश के कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराधियों के प्रदेश अथवा दुनिया से पलायन कर देने के बड़े-बड़े बयान अब सिर्फ जुमले ही साबित हो रहे हैं। दरअसल, पुलिस सियासी रसूख रखने वाले कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित उसके गांव पहुंची। जहां बेखौफ बदमाशों ने पुलिस पर घात लगाकर हमला बोल दिया।

गौरतलब है कि विकास दुबे कानपुर मे जरायम की दुनिया का पर्याय माना जाता है। वह खुद पूर्व में जिला पंचायत सदस्य रहा और इस उसकी पत्नी सदस्य है। बताया जाता है कि उस पर 60 से अधिक हत्या और लूटपाट के मुकदमे दर्ज हैं। जिनमें करीब दो दशक पहले दिनदहाड़े थाने में घुसकर एक दर्जा धारी राज्य मंत्री की हत्या भी शामिल हैं।

इस कदर संगीन धाराओं मे दर्ज मुकदमों के बाद भी ऐसे कुख्यात और खूंखार अपराधी का सलाखों के पीछे होने की बजाय  खुलेआम घूमना पूरे सिस्टम और न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करता है। जाहिर है इस खूंखार और बेखौफ अपराधी को भी कहीं न कहीं से सियासी सरपरस्ती ज़रूर हासिल होगी।

वरना एक इतने मुकदमें दर्ज होने पर कोई जेल से बाहर रहकर पुलिस टीम को मौत के घाट उतारने का दुस्साहस कर सकता है। सीधे तौर पर ये कहना मुश्किल कि विकास दुबे पर किस सियासी दल और नेता की ज्यादा मेहरबानी रही। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इसके बिना कानून एवं व्यवस्था और पुलिस को यूं खुली चुनौती देना इतना आसान नहीं है। वैसे हर दल पर आपराधिक संरक्षण पर आरोप लगे हैं, चाहे सपा-बसपा हो या भाजपा कांग्रेस।

उधर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं विकास दुबे की पत्नी के चुनावी पोस्टर मे सपा संरक्षक मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के फोटो लगे होने की खबरें मीडिया मे चल रही हैं। लिहाजा दुबे केे इस खूनी खेल के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी पारा चढ़ना लाजमी है।

(इस आलेख में लेखक के निजी विचार हैं)

Comment here