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34 साल बाद बदली शिक्षा नीति में 5वी कक्षा तक क्षेत्रीय या मातृ भाषा में पढ़ाई होगी

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News Front Live, New Delhi

भारत में 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। अब मानव संसाधन मंत्रालय (HRD)  शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में  कैबिनेट बैठक हुई। जिसमें नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) पर मुहर लग गई। जिसके तहत 5 वी कक्षा तक क्षेत्रीय या मातृ भाषा में पढ़ाई हो सकेगी।

HRD मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि ये नीति एक नए भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।उन्होंने कहा कि इस नीति पर देश के कोने-कोने से सभी वर्गों के लोगों से रायशुमारी की गई। निशंक ने कहा कि  पहली बार ऐसा हुआ है कि इतने बडे़ स्तर पर सबकी राय ली गई है।

नई शिक्षा नीति के तहत अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा।अंग्रेजी समेत अन्य को एक विषय के रूप में पर पढ़ाया जाएगा। साथ ही कक्षा 10 और 12 वी में बोर्ड की परीक्षा होगी लेकिन उसका स्वरूप बदला होगा। इसके साथ ही स्कूली शिक्षा में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया गया है।

नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा 5+3+3+4 फॉर्मूले पर आधारित होगी। वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी।  3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए होगी, जिन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं करनी है। जबकि 4 साल की डिग्री  करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे।

नई शिक्षा नीति के तहत अब स्‍टूडेंट्स को एम फिल नहीं करना होगा बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे। 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए एक समान नियम होंगे। नए सुधारों में टेक्नॉलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है

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