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‘सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है…’ मुशायरों के मंच पर छाती तानकर ये शेर पढ़ने वाली शख्सियत अब हमारे बीच में नहीं रही। देश-विदेश में मशहूर 70 वर्षीय शायर राहत इंदौरी का आज निधन हो गया है। कोरोना संक्रमण केे शिकार इंदौरी को एक के बाद एक 3 दिल के दौरे पड़े। उनके निधन से उर्दू शायरी और साहित्य जगत को बड़ा नुकसान हुआ है।
राहत इंदौरी न्यूमोनिया, शुगर, कार्डियक प्रॉब्लम और फेफड़ों की समस्या से भी जूझ रहे थे। इसके पहले खुद उन्होंने ट्वीट करके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि मैं जल्द इस बीमारी को हराऊंगा। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। अपनी बेबाक और बेखौफ शायरी से मुशायरों की रौनक बढ़ाने वाले इंदौरी साहब का निधन हो गया।
शायद ही कभी सोचा नहीं था कि ताउम्र बेबाक रहा शख्श कोरोना काल की खमोशी में विदा होगा। एक बाद एक 3 दिल के दौरे पड़ने के बाद वह शाम करीब 5 बजे दुनिया से रुख्सत हो गए। इंदौरी की मौत के साथ ही समाज को परखने वाली शायरी के एक युग का अंत हो गया है। वह ना सिर्फउर्दू के शायर थे बल्कि एक बेहतरीन गीतकार भी थे। नई और पुरानी हिंदी फिल्मों में उनके लिखे कई गाने मशहूर हुए।
(Photo: साभार फेसबुक)
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