उत्तराखंड

Sex स्कैंडल: खुद अपनों से BJP की किरकिरी! महिला आयोग ने दून पुलिस से रिपोर्ट मांगी

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News Front Live, Dehradun

उत्तराखंड में विपक्ष से बेपरवाह प्रचंड बहुमत वाली भाजपा के लिए  खुद अपने फजीहत का सबब बने हैं। पहले महामंत्री (संगठन) संजय कुमार के यौन शोषण मामले से  किरकिरी हुई। अब विधायक महेश नेगी से जुड़ा कथित सेक्स स्कैंडल तूल पकड़ रहा है। भाजपा व्यक्तिगत मामला बता पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है।

उधर, नेगी को अपनी बेटी के पिता होने का दावा करने वाली महिला DNA टेस्ट पर अड़ी है। उसने कहा कि इस मांग पर विधायक ने कथित रूप से आत्महत्या करने की धमकी दी। कांग्रेस ने पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए पीड़िता के DNA की मांग का समर्थन किया है। इस बीच राज्य महिला आयोग ने देहरादून पुलिस से पीड़िता की शिकायत पर हुई कार्यवाही की रिपोर्ट  29 अगस्त तक तलब की है।

गौरतलब है कि पुलिस ने विधायक पत्नी की रिपोर्ट दर्ज कर ली, लेकिन पीड़िता की तहरीर पर FIR नहीं हुई है।आयोग की चेयरमैन ने एसएसपी को संबंधित महिला की शिकायत दर्ज करने के साथ जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इसके पहले आयोग अल्मोड़ा जिले के पुलिस कप्तान से भी रिपोर्ट तलब कर चुका है। आपको बता दें  कि शादीशुदा  पीड़िता मूल रूप से जिले के द्वाराहाट की रहने वाली है।

स्थानीय विधायक की पूर्व परिचित युवती का आरोप है कि बीते दो सालों से उसका यौन शोषण किया गया। उसकी बच्चे के पिता महेश नेगी है। इस मामले के सार्वजनिक होने के बाद विधायक सामने नहीं आए हैं। उनकी पत्नी रीता नेगी आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवा चुकी है।

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पीड़िता ने भी तहरीर दी लेकिन पुलिस ने कानूनी दांव पेंच का हवाला देते हुए उसकी ओर से कोई मुकदमा दर्ज नही किया। अलबत्ता देहरादून पुलिस ने उस रेस्टोरेंट के सबूत जुटाए जहां कथित तौर पर विधायक पत्नी और पीड़िता की मुलाकात हुई थी। बकौल विधायक पत्नी इस रेस्टोरेंट में ही उनके पति पर आरोप लगाने महिला ने ब्लैकमेल करते हुए 5 करोड़ रुपये मांगे थे।

कांग्रेस की निवर्तमान प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए किए हैं। उनका कहना है कि विधायक पत्नी की FIR तो हो गई, लेकिन सत्ता के दबाव में पीड़िता कि नहीं हुई। गरिमा  ने कहा कि अगर विधायक जी पाक साफ हैं तो उन्हें DNA जांच से क्या डर है। उन्होंने भाजपा से यौन शोषण के आरोपी विधायक को सस्पेंड करने की मांग की है। ताकि इस बेहद संवेदनशील मामले की जांच प्रभावित ना हो।

वहीं, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉक्टर देवेंद्र भसीन का कहना है कि यह विधायक जी का व्यक्तिगत मामला है। पुलिस दोनों पक्षों की शिकायत की जांच कर रही है और विपक्ष को रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। हालांकि सवाल ये भी उठता है कि आरोप लगाने वाली महिला दो साल तक क्यों चुप रही। बहरहाल, इस पूरे स्कैंडल की हकीकत तो निष्पक्ष जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। लेकिन मामला दिनोंदिन तूल पकड़ रहा है।

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