News Front Live, Dehradun
उत्तराखंड के चर्चित BJP विधायक सेक्स स्कैंडल में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (SCPCR) की एंट्री हुई है। चैयरमेन उषा नेगी ने देहरादून के पुलिस कप्तान को खत लिखकर कहा कि कोर्ट आदेश के बिना DNA टेस्ट नहीं हो सकता। जिसके मद्देनजर आयोग ने शामली (UP) की निजी पैथोलॉजी लैब की संबंधित रिपोर्ट को संदिग्ध मानते हुए SSP को उसे भी जांच के दायरे में रखते को कहा। इसके साथ ही सम्बंधित महिला के परिजनों का पक्ष लेने को भी कहा। SCPCR ने डीएनए जांच की मांग करने वाली महिला को बाल आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा। उधर, राज्य महिला आयोग ने 2 सितंबर को दोनों पक्षों को बुलाया है।
इस कड़ी में भाजपा विधायक महेश नेगी पर कथित यौन शोषण के आरोप लगाने वाली महिला के पति और मां ने पुलिस को बयान देने नहीं पहुंचे। इसके पहले विधायक अपनी पत्नी की दर्ज कराई मद्देनजर जारी जांच में पुलिस को दो बार अपने बयान दे चुके हैं। नेगी की पत्नी और बेटे ने भी देहरादून पुलिस के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए। आरोप लगाने वाली नामजद महिला और उसकी भाभी पुलिस को एक बार बयान दे चुकी हैं। गौरतलब है कि विधायक पत्नी की दर्ज FIR में नामजद महिला की मां और पति को भी पुलिस को भी बयान देने हैं।
आखिर क्या है MLA सैक्स स्कैंडल ?
अब महिला आयोग फिर से इस हाई प्रोफाइल मामले में काउंसलिंग के लिए नई तारीख तय करेगा। गौरतलब है कि मूल रूप से द्वारहाट की रहने वाली एक महिला ने भाजपा विधायक महेश नेगी पर कथित रूप से शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी के पिता होने की संभावना जताते हुए DNA जांच की मांग की है। वहीं, विधायक महेश नेगी की पत्नी ने संबंधित महिला के खिलाफ ब्लैकमेल करके 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का देहरादून पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था।
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महिलाआयोग एवं SCPCR ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट:
इस प्रकरण में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य हरि सिंह ने आयोग को एक शिकायती पत्र लिखा। जिसमें यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के अपनी पुत्री के DNA जांच करवाने पर चिंता जताई गई। उन्होंने कहा कि सम्बंधित महिला ने फेसबुक पर इसका प्रचार करके अपनी बच्ची का समाजिक जीवन शुरू होने से पहले ही बर्बाद करने का काम किया। इस पत्र के आधार पर आयोग ने देहरादून पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। वहीं आरोप लगाने वाली महिला ने कहा था कि DNA की मांग पर विधायक ने कथित तौर पर आत्महत्या करने की धमकी दी।
Click here इस मामले में महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट
BJP प्रदेश नेतृत्व के सामने विधायक की हुई पेशी:
उधर, MLA महेश नेगी ने भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के सामने हाल में हुई पेशी के दौरान विपक्षी कांग्रेस पर बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मैं पुलिस को सहयोग कर रहा हूं और हर जांच के लिए तैयार हूं। इस कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि विधायक DNA जांच के लिए तैयार हैं लेकिन यह सिर्फ कोर्ट के आदेश पर ही होता है। चूंकि पुलिस की जांच अभी चल रही है लिहाजा उसकी रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए।
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आपको बता दें कि इस मुद्दे पर राज्य महिला आयोग ने देहरादून और अल्मोड़ा पुलिस कप्तान से महिला की शिकायत पर हुई कार्यवाही की 29 अगस्त तक रिपोर्ट तलब की है। वहीं, विपक्षी कांग्रेस और सूबे में सियासी जमीन तलाश रही AAP ने विरोध प्रदर्शन किया। उधर, राज्य महिला आयोग के बुलावे पर विधायक तो बुधवार को पहुंचे लेकिन महिला नहीं पहुंची। आयोग ने फिर काउंसिलिंग के लिए 2 सितंबर को बुलाया है।
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