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त्रिवेंद्र को सुप्रीमकोर्ट से राहत, CBI जांच के हाईकोर्ट आर्डर पर स्टे

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News Front Live, New Delhi

त्रिवेंद्र को सुप्रीमकोर्ट से राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने उन पर लगे आरोपों की CBI जांच के नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को 4 हफ्तों में प्रति शपथपत्र दखिल करने को कहा है। उधर, कांग्रेस ने त्रिवेंद्र की बर्खास्तगी की मांग को लेकर देहरादून में राजभवन कूच किया।

त्रिवेंद्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत

Supreme Court ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के ऑर्डर पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने त्रिवेंद्र पर लगे आरोपों की CBI जांच के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ उन्होंने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने स्टे लगाते हुए 4 हफ्तों में हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

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हाई कोर्ट ने इस मामले पर दिए CBI जांच के आदेश

मामला सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो से जुड़ा है। जिसमें झारखंड के एक व्यक्ति से रुपये के लेनदेन का जिक्र था। कथित तौर पर CM की रिश्तेदार के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर हुई। उत्तराखंड में कतिपय आयोग में पद देने की एवज में कथित घुस दी गई। जिसे झूठा बताते हुए सम्बंधित डॉ हरेंद्र सिंह रावत ने रिपोर्ट दर्ज कराई।

पत्रकार उमेश कुमार एवं अन्य ब्लैकमेलिंग समेत अन्य संगीन धाराओं में नामजद हुए। सरकार ने बाद में राजद्रोह का भी मुकदमा कायम कर दिया था। आरोप है कि पोस्ट किए गए वीडियो एवं खबर से CM की छवि बिगाड़ने की नीयत से किया गया। जिसे उमेश ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। जस्टिस रविंद्र मैठाणी ने उनके खिलाफ दर्ज FIR क्वेश करते हुए CBI को मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों की जांच करने का आदेश दिया।

कांग्रेस का CM के इस्तीफे की मांग को लेकर राजभवन कूच

एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नैनीताल हाईकोर्ट के ऑर्डर के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे। वहीं दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर देहरादून में राजभवन कूच किया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह मौजूद रहे। इस दौरान नेता विपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश और पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय प्रदेश ने शिरकत की। प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव औऱ राष्ट्रीय सचिव काज़ी निजामुद्दीन कूच में मौजूद थे।  पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोककर  वरिष्ठ नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी किया। भले ही त्रिवेंद्र को सुप्रीमकोर्ट से राहत मिल गई। लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हल्लाबोल छोड़ने को तैयार नहीं है।

 

 

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