News Front Live, Dehradun
CMत्रिवेंद्र को हटाने की मांग लाखीराम जोशी पर भारी पड़ गई। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने हाईकोर्ट की CBI के आदेश की रोशनी में मुख्यमंत्री को हटाने की मांग की थी। जोशी ने बाकायदा PM को पत्र भेजा था। प्रदेश नेतृत्व ने लेटर बम को अनुशासनहीनता करार देते हुए एक्शन लिया और 7 दिन में जवाब मांगा है। गौरतलब है कि सुप्रीम ने हाईकोर्ट के संबंधित आदेश पर स्टे लगाते हुए जवाब मांगा था।
CMत्रिवेंद्र को हटाने की मांग को लेकर नरेंद्र मोदी को खत
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखी राम जोशी ने PM मोदी को 11 नवंबर को एक खत लिखा। जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पद से हटाने की मांग की गई थी। जोशी ने पत्र में नैनीताल हाईकोर्ट के CM पर भ्रष्टाचार के आरोपों की CBI जांच के आदेश हवाला दिया। साथ ही उन्होंने त्रिवेंद्र के कार्यकाल में कथित विवादास्पद फैसलों का भी जिक्र था।
लाखीराम जोशी के मुताबिक इससे भाजपा कथित तौर पर जनता में शर्मसार हुई। उन्होंने झारखंड में पार्टी प्रभारी रहते बैंक खातों में कथित रूप से रकम जमा होने का भी जिक्र किया। पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री से निष्पक्ष जांच के लिए त्रिवेंद्र को पद से हटाने की मांग बुलंद की।
BJP ने पूर्व मंत्री को अनुशासनहीनता के लिए किया सस्पेंड
एक तरफ पूर्व मंत्री जोशी ने लेटरबम फोड़ा तो दूसरी तरफ भाजपा नेतृत्व ने एक्शन लेने में देर नहीं लगाई। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने लाखीराम जोशी के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें पार्टी से निलम्बित कर दिया है ।
साथ ही जोशी को उनके द्वारा लिखे गए एक पत्र के सम्बंध में की गई इस कार्यवाही के अंतर्गत उन्हें नोटिस भी दिया। जिसके तहत उन्हें 7 दिन में उत्तर देने के लिए भी कहा गया है। जिसका उत्तर न मिलने अथवा संतोषजनक न पाए जाने पर उन्हें पार्टी से निकाला भी जा सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष भगत ने कहा कि पार्टी में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से है। लिहाजा किसी भी कार्यकर्त्ता को चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, को अनुशासन हीनता में कोई रियायत नहीं दी जा सकती । यदि किसी के मन में कोई विषय है तो वे सीधा उनसे कहें । वे उस विषय को उचित स्तर पर ले जाएँगे। लेकिन अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जा सकती ।
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