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बदरीनाथ के कपाट बंद हुए, पवित्र चारधाम यात्रा का समापन

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बदरीनाथ के कपाट बंद हुए। तयशुदा मुहूर्त पर मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो गए। इसके साथ ही अब उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का समापन भी हो गया है। इस बार Covid-19 के मद्देनजर  सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए यात्रा को नियंत्रित रखा गया था। इसके  बावजूद 3 लाख 10 हजार यात्री चार धाम दर्शन करने पहुंचे। जिनमें उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हैं।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हुए

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। तयशुदा मुहर्त में दोपहर बाद 3 बजकर 35 मिनट पर कपाट बंद हो गए। कार्तिक शुक्ल पंचमी उत्तराषाढा नक्षत्र अभिजीत मुहूर्त में विधिविधान से प्रक्रिया पूरी हुई। धाम में आखिरी दिन 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस मौके पर बदरीनाथ मंदिर को भव्य से फूलो से सजाया गया। सेना की बैंड की लहरियों के बीच तीर्थ यात्रियों ने ‘जय बद्री विशाल’ के उदघोष किए।

ऐसे पूरी हुई कपाट बंद होने की प्रक्रिया

मंदिर ब्रह्म मुहुर्त में सुबह 4.30 बजे खुला और पूजा संपन्न हुई।  नित्य भोग के बाद 12.30 बजे सायंकालीन आरती शुरू हुई। इसके बाद मां- लक्ष्मी पूजन शुरू हुआ। दोपहर 1 बजे शयन आरती संपन्न हो गई। फिर रावल  ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने कपाट बंद  की प्रक्रिया शुरू की।
माणा ग्राम से महिला मंगल द्वारा बुना गया घृत कंबल भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया गया।  लक्ष्मी माता  के मंदिर में आगमन होते ही श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी सभा मंडप होते मंदिर प्रांगण में पहुंचे। सभी धार्मिक रस्मों को पूरी करते हुए दोपहर बाद ठीक 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए।
श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगे। जहां वह शीतकाल में योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में निवास करते हैं। जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगे। इसी के साथ श्री योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में परंपरागत रूप से शीतकालीन पूजाएं चलती रहेंगी।

कपाट बंद होते ही चारधाम यात्रा का हुआ समापन

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया। उसके पहले श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर हो चुके हैं। इस कड़ी में 16 नवंबर को श्री यमुनोत्री एवं केदारनाथ धाम के कपाट बंद बंद हुए थे।
जबकि सिक्खों के पवित्र गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब तथा श्री लक्ष्मण मंदिर लोकपाल तीर्थ के कपाट 10 अक्टूबर को शीतकाल हेतु बंद किये जा चुके है। वहीं सभी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फवारी भी देर-सवेर जारी है।
कोरोनाकाल में 3 लाख श्रद्धालुओं ने किए चारधाम के दर्शन
उत्तराखंड चारधाम  देवस्थानम  प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि इस यात्रा सीजन में 3 लाख 10 हजार यात्री चार धाम पहुंचे हैं।बदरीनाथ में 1 लाख 45 हजार से अधिक और केदारनाथ में 1,34,981तीर्थ यात्री पहुंचे। गंगोत्री धाम में 23,837 एवं 7,731 श्रद्धालु यमुनोत्री में दर्शन करने पहुंचे। पूरे यात्राकाल में कोरोना बचाव के मानको का पालन हुआ।

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