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सरकारी-किसानों में गतिरोध बरकरार ! 11वें दौर की वार्ता बेनतीजा

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News Front Live, New Delhi

सरकारी-किसानों में गतिरोध बरकरार है। दोनों के बीच 11 वें राउंड की वार्ता बेनतीजा रही। किसान 3 कृषि कानूनों (farms law)को वापस लेने की मांग पर अडिग रहे। वहीं केंद्र डेढ़ साल होल्ड पर रखने से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं। सबकी नजरें 26 जनवरी को किसानों की दिल्ली में ट्रैक्टर परेड (Tracter Parade) पर लगी हैं। उधर, दिल्ली बॉर्डर पर खुले आसमान तले धरना जारी है।

सरकारी-किसानों में गतिरोध बरकरार !

Modi सरकार और किसानों के बीच गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और Farmers Unions के बीच 11वे राउंड की बातचीत बेनतीजा रही। जिसमें किसान नेता 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अडिग रहे। मंत्री ने उनसे क़ानूनों को 3 साल होल्ड पर रखने के सरकार के प्रस्ताव पर उनका रुख पूछा। किसानों ने साफ कर दिया कि कानून वापसी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है। खबरों के मुुुताबिक तोमर ने इससे ज्यादा कुछ नहीं दे पाने में असमर्थता जताई। इस तरह दोनों के बीच 11वे दौर की बातचीत भी बेनतीजा खत्म हो गई।

अब किसान निकालेंगे दिल्ली में ट्रैक्टर परेड !

किसान संगठन गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का एलान कर चुके हैं। जिसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने इसे कानून व्यवस्था का मामला बताते हुए रोक लगाने से इंकार करते हुए खुद निर्णय लेने को कहा था।

इसलिए कर रहे हैं किसान आंदोलन !

ग़ौरतलब है कि किसान केंद्र के 3 कृषि क़ानूनों के खिलाफ हैं। जिनमें कृषि उपज व्यापार एवं सरलीकरण , कृषक कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार अधिनियम और आवश्यक वस्तु (संसोधन) एक्ट शामिल हैं। इस कड़ी में किसान बीते 26 नवंबर से हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर समेत अन्य स्थानों पर डेरा डाले हैं।

मोदी सरकार किसान आंदोलन से असहज साफ तौर पर नजर आ रही है। दरअसल, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के खत्म होने होने की आशंका है। इसलिए किसान संगठन  कॉरपोरेट की मनमानी रोकने को उसकी कानूनन गारंटी चाहते हैं। साथ ही उक्त तीनों क़ानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई क़ानूनों के अमल पर रोक !

मुख्य न्यायाधीश CJI एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के अमल करने पर स्टे लगा दिया। उच्चतम न्यायालय सरकार एवं किसानों के बीच बने गतिरोध के समाधान के लिए एक समिति गठित की। जिसके लिए बतौर सदस्य भूपिंदर सिंह मान, प्रमोद जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल धनवत के नाम सुझाए गए। जिनमें मान खुद समिति के सदस्य पद से हट चुके हैं। बोबडे ने कहा था कि जो सचमुच समस्या का समाधान चाहते हैं वो वकील के जरिये कमेटी के पास जा सकते हैं।

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गौरतलब है कि तीनों कानून वापस लेने की मांग पर कायम संयुक्त किसान मोर्चा कमेटी से बातचीत से इंकार कर चुका है। उधर, कृषि मंत्री ने 10वे राउंड की बैठक में किसान नेताओं को डेढ़ साल कृषि कानून होल्ड पर रखने का प्रस्ताव दिया था। उधर, खुले आसमान में आंदोलन कर रहे दर्जनों किसानों की मौतें हुईं। सरकार की कथित हठधर्मिता के चलते में कई आत्महत्या भी कर चुके हैं।

 

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