News Front Live, Dehradun
Gairsain faces double standard ! सरकार भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र पर कभी हां तो कभी ना करती नजर आ रही है।
बकौल विधानसभा अध्यक्ष Speaker प्रेमचंद अग्रवाल सरकार और नेता विपक्ष सत्र भराड़ीसैंण की बजाय देहरादून में चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने इसके बाबत उन्हें सूचित किया है।
जिस पर पूर्व CM हरीश रावत ने तंज कसते हुए कहा कि BJP सरकार ठंड में भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र नहीं करना चाहती।
राज्य cabinet ने Gairsain में अंतिम सत्र आयोजित करने पर मुहर लगाई थी लेकिन उसका शेड्यूल दो बार बदल चुका है।
यानी Puskar Singh Dhami सरकार और उसका ‘प्रीतम’ विपक्ष देहरादून में ही विधानसभा का अंतिम सत्र चाहता है।
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गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण में ट्रांसिट विधानभवन बना एक सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया था।
जिसके बाद Harish Rawat ने खुद सीएम रहते वहां टैंट और तंबुओं में ऐतिहासिक विधान सभा सत्र आयोजित कराया।
फिर त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया।
लेकिन देहरादून की सुविधाओं का आदी सत्तापक्ष, विपक्ष वहां सत्र के आयोजन की रस्मअदायगी करता रहा है।
बिना शीशों की विंडो से कमर में ठंड घुसने पर दिवंगत नेता विपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार पर बिफरी थीं।
Harish Rawat ने कहा कि भराड़ीसैंण में राजधानी की घोषणा के 2 साल बाद भी अधिकारी छोड़िए,
वहां कोई चपरासी या क्लर्क साहब भी नहीं बैठ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा कहीं धरती पर नहीं है!
Gairsain faces double standard, बेशक हरीश रावत भराड़ीसैंण में सत्र को भ्रम लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं।
लेकिन वह खुद भी इसके घेरे में आते हैं क्योंकि उनकी सरकार ने वहां सत्र तो आयोजित किया लेकिन उसे स्टेटस नहीं दिया था।
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