News Front Live, Dehradun
Modi bowed Dhami follows ! पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुकते हुए संसद में कृषि कानून वापस लिए ।
अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड भंग करने का ऐलान कर दिया है।
दोनों में समानता ये है कि चुनावी नुकसान की आशंका से BJP की केंद्र और राज्य सरकारों ने फैसले वापस लिए।
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धामी ने मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड को भंग किया है।
जिसके बाद कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व CM हरीश रावत और गणेश गोदियाल की मौजूदगी में पटाखे छोड़कर खुशी जताई।
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गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने Devasthanam प्रबंधन बोर्ड गठित किया था।
जम्मू कश्मीर के श्राइन (Shrine) बोर्ड की तर्ज पर धाम समेत 51 मंदिर सुव्यवस्थित संचालन के लिए शामिल किए गए।
लेकिन बदरीनाथ, केदारनाथ धाम आदि के पुरोहित और MP सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बोर्ड का शुरू से विरोध किया।
बीजेपी के लिए Devasthanam बोर्ड BJP गले की हड्डी बना था।
हकहकुकधारीयों को आशंका थी कि सरकारी नियंत्रण से उनके हित प्रभावित होंगे।
पुरोहितों ने बोर्ड के विरोध में पिछले दिनों त्रिवेंद्र को केदारनाथ में बिना दर्शन किए बैरंग लौटा दिया।
क्या एक पूर्व CM को केदारनाथ दर्शन से रोकना उचित है जिस पर छिड़ी बहस पर त्रिवेंद्र ने कहा था बाबा सबको क्षमा करेंगे।
Modi bowed Dhami follows !
मुख्यमंत्री पुष्कर ने बोर्ड को भंग में भलाई समझते हुए इसे तीर्थ पुरोहितों की भावनाओं के अनुरूप निर्णय बताया।
पूर्व सीएम Harish Rawat ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से किसानों ने मोदी और पुरोहितों ने धामी सरकार को झुका दिया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि बेहतरी के लिए निर्णय पर संबंधित पक्ष की भावनाओं का सम्मान किया।
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