उत्तराखंड

Revenue Police हाईकोर्ट पटवारी पुलिस के खात्मे पर सख्त!

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By Kamal Jagati 

Revenue Police  राजस्व पुलिस (पटवारी) व्यवस्था खत्म करने के फ़ैसले पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय अडिग है।

उसने राज्य सरकार को हर 6 महीने में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का हुक्म दिया।

दरअसल, पहाड़ों में बढ़ रहे अपराधों को रोकने में नाकाम रही पटवारी पुलिसिंग के खिलाफ जनहित याचिका दायर हुई।

जिस पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह खुद इस मामले को देखेगा।

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राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कहा कि कैबिनेट ने 17 अक्टूबर 2022 को राजस्व पुलिस व्यवस्था खत्म करने का निर्णय लिया।

इस कड़ी में सरकार Revenue Police व्यवस्था को चरणबद्ध खत्म करके सिविल पुलिस व्यवस्था लागू करने जा रही है।

इसके पूर्व हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से शपथपत्र के जरिए उसके  पूर्ववर्ती आदेश के अनुपालन की जानकारी मांगी थी।

गौरतलब है कि उत्तराखंड देश का अकेला राज्य जहां 157 पुरानी ब्रिटिश कालीन पटवारी पुलिस व्यवस्था लागू है।

जिसके तहत पटवारियों को कानून व्यवस्था से जुड़े कार्यों को देखने का अधिकार दिए गए ।

जिसे हाईकोर्ट ने 13 जनवरी 2018 को खत्म करते हुए सिविल पुलिस को क्राईम इन्वेस्टिगेशन सौंपने का आदेश दिया था।

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उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य की  एक करोड़ से अधिक जनसंख्या के मुकाबले थानों की संख्या 156  बहुत कम है।

उत्तराखंड में 6 माह के भीतर थानों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि अपराधों पर अंकुश लग सके।

सिविल पुलिस की नियुक्ति के बाद राजस्व पुलिस FIR दर्ज नही करेगी और अपराधों की जाँच सिविल पुलिस द्वारा की जाएगी।

हाईकोर्ट ने कहा था कि एक सर्किल में दो थाने रहेंगे जिनका संचालन एक सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी करेगा।

अब अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी।

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