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Brand Modi ने रचा इतिहास, कांग्रेस ने हिमाचल में ‘मोदी भ्रम’ तोड़ा!

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By Rahul Singh Shekhawat

(Brand Modi) के सहारे भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात विधान सभा चुनाव जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया। नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने करिश्में से गृह राज्य गुजरात में इनकंबेंसी को हराकर एकतरफा जीत दिलाई।  कांग्रेस (Indian National Congress) ने हिमाचल प्रदेश में बहुमत हासिल करके सत्ता बदल का रिवाज कायम रखा है। वह स्थानीय मुद्दों को उठाकर जयराम सरकार के खिलाफ गुस्से को भुनाने में कामयाब रही।

Brand Modi के सहारे गुजरात बीजेपी ने बनाया रिकॉर्ड !

भाजपा ने 156 सीटें जीतकर गुजरात (Gujarat Assembly) के इतिहास में सबसे बड़ी विजय का अध्याय लिखा। इसके पूर्व कांग्रेस के माधव सिंह सोलंकी (Madhav Singh Solanki) ने सर्वाधिक 149 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था। इस बार कांग्रेस 17 सीटें जीतकर अपने निम्नतम स्तर पहुंच गई। इसके पहले 1990 के चुनावों में सबसे कम 33 का आंकड़ा था।

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जबकि 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में आम आदमी पार्टी को 5 समेत अन्य को 3 सीटें मिलीं। भाजपा 1995 से लगातार गुजरात की सत्ता पर काबिज है। वह मौजूदा जीत के बाद राज्य में सातवीं बार सरकार बनाने जा रही है। इस बार बीजेपी वामपंथी सीपीआईएम (CPI-M) शासन काल के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगी। जिसने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कमोबेश 27 साल एक छात्र राज किया था।

कांग्रेस की उदासीनता से एंटी इनकंबेंसी बेअसर !

गुजरात लोगों में भाजपा सरकार के खिलाफ स्थानीय स्तर पर खासा गुस्सा था। जिसे भांपते हुए चुनावी साल में मोदी ने मय मुख्यमंत्री पूरी कैबिनेट बदल दी गई। आरएसएस (RSS)और बीजेपी की सांगठनिक ताकत ने धर्म (saffron Politics) को ढाल बनाकर स्थानीय स्तर पर गुस्सा कंट्रोल किया। विपक्ष की कमजोरी और एकजुटता का अभाव भाजपा के लिए फायदेमंद रहा।

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पिछले चुनावों में कड़ी टक्कर देने वाली कांग्रेस खानापूर्ति करने के लिए चुनाव लड़ती दिखी। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भारत जोड़ो यात्रा रूट में चुनावी राज्य गुजरात गायब रहा। जबकि गुजरात पीएम मोदी (PM Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) दोनों का गृह राज्य है। कांग्रेस की हालत या फिर कहें उदासीनता को देखकर लगा कि मानो गुजरात चुनाव उसकी प्राथमिकता में नहीं था।

हिमाचल में कांग्रेस की शानदार जीत !

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा (Himachal Pradesh Assembly) में 40 सीटें जीतकर  बहुमत हासिल कर लिया। जबकि सत्ताधारी 25 सीटें जीतकर एक मजबूत विपक्ष के तौर पर उभरी है। वहीं अन्य को 3 सीटें मिलीं। राजा वीरभद्र सिंह (Veer Bhadra Singh)  की गैर मौजूदगी में कांग्रेस ने पहला चुनाव लडा। हाईकमान ने चुनाव से 6 महीने पहले उनकी पत्नी सांसद प्रतिभा सिंह Pratibha Singh को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।

कांग्रेस संगठन की संयुक्त नेतृत्व में जयराम ठाकुर (Jayram Thakur) सरकार को बेदखल करने की रणनीति कामयाब रही। उसने महंगाई और बेरोजगारी सरीखे मुद्दों समेत अन्य स्थानीय परेशानियों पर हल्ला बोल किया। पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) हिमाचल चुनाव में सक्रिय रही।

कहने की जरूरत नहीं है कि इस पर्वतीय राज्य (Hill State) में 1985 से न तो कांग्रेस और न ही बीजेपी अपनी सत्ता बचा पाई। इस बार भी हिमाचल का पुराना चुनावी सिलसिला कायम रहा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के गृह राज्य में ‘सत्ता बदल’ का रिवाज खत्म करने में नाकाम रहे हैं। हालांकि अलबत्ता कांग्रेस और भाजपा के बीच 15 सीटों का बड़ा फासला है। लेकिन वोट शेयर में सिर्फ एक फीसदी का अंतर है।

AAP की कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी !

भले ही आम आदमी पार्टी AAP आम आदमी पार्टी हिमाचल में खाता नहीं खोल पाई। लेकिन उसने गुजरात के चुनावी मैदान में कांग्रेस की कमजोरी का भरपूर फायदा उठाया। सरकार विरोधी वोट शेयर में सेंधमारी करके 12.9 फीसदी मतों के साथ 5 सीटें जीतने में कामयाब रही।

जनादेश में बीजेपी कांग्रेस के लिए संदेश भी छिपा  है !

आप ने दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव में भाजपा को हराया। उत्तर प्रदेश के खतौली विधानसभा में हुए उपचुनाव में आरएलडी प्रत्याशी जीते। मैनपुरी लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव की जीत हुई। ये जरूर है कि आजम खान की सदस्यता खत्म होने से रिक्त हुई रामपुर सीट बीजेपी जीतने में सफल हुई है। चुनावी मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच 1-1 से बराबर रहा। लेकिन भाजपा शासित राज्यों के फेहरिस्त में एक कम हो गया है।

बेशक कथित मोदी मैजिक (Brand Modi) गुजरात में रिकॉर्ड जीत और हिमाचल में सम्मानजनक हार का आधार है। भाजपा को चिंतन करना होगा कि वह बिना मोदी राज्यों में कैसे सरकारें बचाएगी। कांग्रेस को ‘बाई डिफॉल्ट’ जीतने से इतर रणनीतिक स्तर पर नए सिरे से सोचने की जरूरत है।

    (लेखक वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार हैं)

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