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Ajay Jadeja: क्रिकेटर नहीं, ‘महाराज’ जामनगर बोलिए!

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By Bhola Datt Asnora

अजय जडेजा बने नवानगर के जाम साहब

भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अजय जडेजा गुजरात की जामनगर की रियासत के नए वारिस घोषित हुए हैं. यानी अजय जडेजा अब नवानगर के नए जाम साहब होंगे. इसकी घोषणा 12 अक्टूबर यानी दशहरा के पावन पर्व पर जामनगर के महाराजा शत्रुशल्य सिंह जडेजा ने की। शत्रुशल्य सिंह जडेजा भी फर्स्ट क्लास क्रिकेटर और सौराष्ट्र के कप्तान रह चुके हैं। अजय उनके भतीजे हैं।अजय जडेजा भारत के लिए टेस्ट और वनडे खेल चुके हैं। मैच फिक्सिंग के कारण लगे 5 साल के बैन के बाद इनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर खत्म हो गया था। आजकल ये कमेंट्री करने के साथ अफगानिस्तान की टीम के मेंटर हैं। जडेजा का विवाह राजनीतिज्ञ जया जेटली की बेटी से हुआ था।
इस रजवाड़े खानदान का क्रिकेट से 130 साल से भी पुराना नाता है। भारत की सबसे बड़ी घरेलू क्रिकेट की प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी इसी रियासत के कर्नल कुमार श्री सर रणजीत सिंह विभाजी उर्फ रणजी के नाम पर खेली जाती है। दलीप ट्रॉफी इसी रियासत के रणजीत सिंह के भतीजे कुमार श्री दलीप सिंह जी के नाम पर खेली जाती है।
रणजीत सिंह ने अपनी पूरी क्रिकेट इंग्लैंड में और इंग्लैंड के लिए खेली थी। उस समय तक भारत को टेस्ट क्रिकेट का दर्जा नहीं मिला था। इन्होंने इंग्लैंड के लिए 1896 से 1902 के बीच कुल 15 टेस्ट मैच खेले थे। 15 टेस्ट मैचों में 2 शतक और 6 अर्धशतकों की मदद से 989 रन बनाए। रणजी का असली जलवा काउंटी क्रिकेट में देखने को मिला। 307 फर्स्ट क्लास मैचों में इन्होंने 72 शतकों और 109 अर्धशतकों की मदद से 24,692 रन बनाए थे। इन्हें लैग ग्लांस का आविष्कारक कहा जाता है। चूंकि इनके नाम से भारत की सबसे बड़ी घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी खेली जाती है तो इन्हें ‘फादर ऑफ इंडियन क्रिकेट’ भी कहा गया। हालांकि भारतीय क्रिकेट में इनका कोई योगदान नहीं था।
रणजीत सिंह के भतीजे दलीप सिंह के नाम पर भारत की एक और घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता ‘दलीप ट्रॉफी’ खेली जाती है। दलीप सिंह ने भी अपनी पूरी क्रिकेट इंग्लैंड में और इंग्लैंड के लिए ही खेली थी। इन्होंने 1929 से 1931 के बीच इंग्लैंड के लिए 12 टेस्ट मैच खेले थे। इनमें दलीप सिंह ने 3 शतक और 5 अर्धशतकों की मदद से 995 रन बनाए थे। इनका टेस्ट औसत 58.00 रहा। दलीप सिंह ने काउंटी क्रिकेट में दोनों हाथों से रन बटोरे। 205 फर्स्ट क्लास मैचों में इन्होंने 50 शतक और 64 अर्धशतकों की मदद से 15,485 रन बनाए।
क्रिकेट छोड़ने के बाद दलीप सिंह ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हाईकमिश्नर रहे। वे सौराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन भी रहे।

साभार: FB

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