(First US Female President) अब से कुछ घंटे बाद दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव सम्पन्न हो जायेगा। ‘दुनिया के दरोगा’ के दफ़्तर ‘कैपिटल हिल’ में डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस में से कौन बैठेगा यह राज खुलने में अब बस थोड़ी ही देर बाक़ी है।
‘सफेद राजप्रासाद’ के विशाल प्रांगण और भव्य वीथिकाओं में किसकी पदचाप सुनाई देगी यह अब बस आने वाले कल की बात है।
लेकिन नतीजों से पहले दुनिया टकटकी लगाए है कि अपनी आज़ादी के ढाई सौ साल बाद भी क्या अमेरिका किसी महिला को अपना मुखिया चुनता है या नहीं..!
By Dr. Rakesh Pathak
जिस अमेरिका ने राष्ट्रपति के ओहदे के लिए प्रत्याशी बनाने में (हिलेरी क्लिंटन) सवा दो सौ साल लगा लिए क्या वह देश और वहां का समाज एक महिला को अपना सिरमौर बनाएगा?
(वैसे कमला हैरिस के जीतने का आसार कम ही हैं।)
इसका जवाब चंद घंटे बाद मिल ही जाएगा लेकिन यह सच में अजीब बात है कि सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक और आधुनिक होने का दावा करने वाला अमेरिका किसी महिला को मुखिया चुनने में भयंकर फिसड्डी साबित हुआ है।
कभी ब्रिटिश साम्राज्य का गुलाम रहा अमेरिका 4 जुलाई 1776 के दिन औपचारिक रूप से आज़ाद हुआ था। उस दिन तेरह उपनिवेशों ने ‘डिक्लेयरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस’ (स्वतंत्रता की घोषणा) का ऐलान किया था। इस घोषणा का दस्तावेज थामस जेफरसन ने तैयार किया था।
अमेरिका की स्वतंत्रता के संग्राम में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था, हजारों लोग शहीद हुए थे। मजेदार बात ये है कि अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम में फ्रांस की सेना भी शामिल हुई थी।
तब से लेकर आजतक अमेरिका में किसी महिला को राष्ट्रपति नहीं चुना गया है। यहां तक कि वहां किसी महिला को प्रत्याशी बनाने में भी दोनों बड़ी पार्टियां गुरेज करती रहीं हैं।
राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन पहली महिला थीं जो राष्ट्रपति का चुनाव लड़ीं लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। First US Female President
कमला हैरिस दूसरी महिला हैं जो इस पद के लिए मैदान में हैं।
यह भी याद रखिए कि अमेरिका में महिलाओं को मताधिकार भी आज़ादी मिलने के बहुत सालों बाद सन 1920 में मिला था।
महिला और पुरुष की समानता का ढिंढोरा पीटने वाला अमेरिका किसी महिला को देश की कमान सौंपने में बहुत ही पिछड़ा साबित हुआ है। First US Female President
ख़ुद को आधुनिक, लोकतांत्रिक और समतावादी समाज कहने वाले अमरीका की किसी महिला को राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बनाने में ‘नानी स्वर्ग सिधार’ जाती है।
आइए इस मौके पर एक नज़र देखें कि दुनिया में सबसे पहले कब, कौन, कहां महिला राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बनी।
० अर्जेंटीना में दुनिया की पहली राष्ट्रपति…
अर्जेंटीना की इसाबेल पेरोन को दुनिया की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने 1974 से 1976 तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वह अर्जेंटीना की पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष और दक्षिण अमेरिका की पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष थीं। अपने पति की मृत्यु के बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद सम्हाला था।
यूरोप और बाक़ी दुनिया के तमाम देशों में महिला राष्ट्रपति चुनी जा चुकी हैं और अब अभी हैं।
अफ्रीका के तमाम देशों में महिला राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों की लंबी फेहरिस्त मौजूद है। नामीबिया, लाइबेरिया, मोजांबिक,सेनेगल, मॉरीशस,रवांडा,युगांडा तक में देश की मुखिया महिलाएं रह चुकी हैं और आज भी हैं।
अफ्रीकी देश कोंगो में भी महिला प्रधानमंत्री है। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोंगो में सुमिनवा तुलुका
वहां की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं।
० बाक़ी दुनिया दशकों पहले महिलाओं को नेता मान चुकी
एशिया के देश इस मामले में दशकों पहले बाजी मार कर अमेरिका और दुनिया को आईना दिखाते रहे हैं।
श्रीलंका ने तो 1960 में ही सिरिमावो भंडारनायके को दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री बना कर नज़ीर पेश कर दी थी। वे तीन बार प्रधानमंत्री रहीं।
वे दुनिया में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं। बाद में उनकी बेटी चंद्रिका कुमारतुंग भी प्रधानमंत्री बनीं। श्रीलंका में तीसरी प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या हैं।
दुनिया की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनाने का सौभाग्य भारत के नाम है। सन 1966 में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं थीं। वे तीन बार प्रधानमंत्री रहीं। भारत में प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति रह चुकी हैं।
पाकिस्तान जैसे घोषित मुस्लिम देश ने आज से साढ़े तीन दशक पहले एक महिला बेनजीर भुट्टो को प्रधानमंत्री चुना। बांग्लादेश ने भी महिलाओं के हाथ में अपने मुल्क की बागडोर सौंपने में देर नहीं की। बांग्लादेश में पहले बेगम खालिदा जिया और बाद में शेख हसीना को प्रधानमंत्री बनाया।
थाईलैंड में मात्र 37 साल की पैटोंगटार्न शिनावात्रा प्रधानमंत्री बन गईं।
म्यांमार में आंग सान सू ची के हाथ देश की कमान रही है।
इजरायल ने 1969 में गोल्डा मायर को प्रधानमंत्री बनाया था, वे आयरन लेडी ऑफ इजरायल कहलाती थीं।
दुनिया भर में अपना साम्राज्य स्थापित करने वाले ग्रेट ब्रिटेन को भी महिला के हाथ में कमान सौंपने में सदियां लग गईं।
मारग्रेट थैचर 1979 में पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। वहां थेरेसा मे, लिज ट्रस आदि भी पीएम रहीं।
जर्मनी में एंजेला मर्केल लंबे समय तक मुखिया रहीं।
आज की तारीख़ में यूरोप और दुनिया के तमाम छोटे बड़े देशों में महिलाएं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या शासन प्रमुख हैं।
यूरोप के मोल्दोवा, एस्टोनिया, फ्रांस, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, कोसोवो, लिथुआनिया और सर्बिया तक में महिलाएं सत्ता के शीर्ष पदों पर विराजमान हैं।
इस सूची में देश की मुखिया रहीं कुछ और महिलाओं के नाम जोड़े जा सकते हैं लेकिन अधिक विस्तार से बचने के लिए इस पर विराम।
अब देखना है अमेरिका के लोग इसी चुनाव में महिला को मुखिया चुनते हैं या अब भी वहां के समाज को महिला मुखिया का मुख देखने के लिए बरसों,दशकों या क्या पता सदियों इंतजार करना पड़ेगा..? First US Female President
( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और इस आलेख में उनके निजी विचार हैं)
साभार: एफबी
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