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दुनिया मे कहर बरपाने के बाद जानलेवा कोरोना वायरस अब भारत में भी बढ़ रहा है। जिसका संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी ही सबसे कारगर उपाय है। यही वजह है कि भारत में 25 मार्च से अगले अगले 3 हफ्तों तक ‘लॉकडाउन’ घोषित कर दिया गया है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये है क्या और क्यों ऐसा करने की जरूरत पड़ती है?
क्या होता है लॉकडाउन?
सीधे और सरल शब्दों में लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था होती है। जिसकी घोषणा के बाद सम्बंधित क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पाबंदी लगने के साथ लोगों को घरों से निकलने की इजाजत नहीं होती है। अलबत्ता जीवन की रोजमर्रा की आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो वह बाहर जा सकता है। अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति दी जा सकती है।
क्यों करते हैं लॉकडाउन?
विभिन्न तरह के खतरों से नागरिक और इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन लागू किया जाता है। जिसमें सामरिक अथवा आतंकवादी और स्वास्थ्य समेत अन्य खतरे शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए दुनिया के कई देश के साथ ही भारत के कमोबेश एक दर्जन राज्यों में लॉकडाउन है। इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी है कि लोग अपने घरों से बाहर निकले ही ना या फिर मजबूरी में ही निकले। वजह ये है कि एक दूसरे के संपर्क में आने से इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। इस गंभीर खतरे के मद्देनजर एहतियात बरतते हुए लॉकडाउन लागू किया गया है।
किन देशों में है लॉकडाउन?
फिलहाल चीन, डेनमार्क, अल सलवाडोर, फ्रांस, इटली, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन में लॉकडाउन जैसी स्थिति है। चूंकि चीन में ही सबसे पहले कोरोनावायरस संक्रमण का मामला सामने आया था, इसलिए सबसे पहले वहां लॉकडाउन किया गया। इटली के प्रधानमंत्री ने स्थिति गंभीर होने के बाद पूरे देश में ही लॉकडाउन घोषित कर दिया। उसके बाद स्पेन, फ्रांस समेत अन्य देशों में भी कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए इस तरह के कदम उठाए गए।
कब-कब हुआ लॉकडाउन?
किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने के लिए लॉकडाउन किया हैै। अगर हम पिछले कुछ सालों पर गौर करें तो अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के बाद 3 दिन तक लॉकडाउन किया गया। इसी कड़ी में साल 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था। बोस्टन शहर में साल 2013 के दौरान आतंकवादियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था। इसी तरह पेरिस हमले के बाद संदिग्धों की धर पकड़ के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स शहर को लॉकडाउन किया गया था। इनके अलावा अन्य कई घटनाक्रम हुए जबकि लॉकडाउन किया गया।
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