Dehradun
कोरोना के मद्देनजर उत्तराखंड के नेपाल से लगे बॉर्डर की निगरानी की जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि भारत नेपाल सीमा की समस्त चौकियों में स्क्रीनिंग की गई। साथ ही उधमसिंहनगर जिले से गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग हुई है। त्रिवेंद्र का कहना है कि वहां अभी तक कोई कोरोना संदिग्ध नहीं मिला और अंतर्राष्ट्रीय सीमा को सील कर दिया गया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़, उधमसिंहनगर और चंपावत नेपाल के इंटरनेशनल बॉर्डर से सटे हुए हैं। कोरोना के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर चम्पावत जिले के बनबसा व टनकपुर और पिथौरागढ़ जिले के धारचुला, बलुवाकोट, जोलजीवी, बालाघाट व ड्यूरा में चौकियों पर स्क्रीनिंग की गई। इसके साथ ही उधमसिंह नगर में खटीमा से गुजरने वाले हर आदमी की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
बकौल मुख्यमंत्री अब तक इन जगहों पर 55109 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें कोई भी कोरोना संक्रमण संदिग्ध नहीं मिला है। प्रत्येक स्क्रीनिंग प्वाइंट पर मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, इन्फारेड थर्मोमीटर की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में एयरपोर्ट अथॉरिटी से समन्वय करते हुए देहरादून, पन्तनगर व पिथौरागढ एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा 50016 यात्रियों स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिसमे कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वाला कोई भी व्यक्ति नहीं पाया गया।
रावत के मुताबिक 31 दिसम्बर 2019 के बाद से चीन व अन्य प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की सूची समय-समय पर भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदान की जा रही है। इस कड़ी में अभी तक 2082 लोगों की सूची प्राप्त की गई है। जिनकी एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उक्त सूची में से 628 लोग 28 दिन की निगरानी अवधि पूर्ण कर चुके हैं। 131 लोग राज्य से बाहर जा चुके है एवं अब तक 1323 लोग निगरानी अवधि (1244 घर में व 79 चिकित्सालय में) पर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वायरस का श्रोत नये अथवा बाहर से आने वाले लोगों का आवगमन ही है। इसलिए सभी घरेलू तथा अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों को 20 मार्च, 2020 से अग्रिम आदेशों तक आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। इसके साथ ही भीड़ को रोकने के लिए राज्य में सभी स्कूल, कालेज, सिनेमा हाल, मॉल आदि बंद कर दिए गए थे।
त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार की घोषणा से पहले ही एहतियात बरतते हुए 31 मार्च, 2020 तक लॉकडाउन कर दिया गया था। जिसका पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
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