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दिल्ली: पुलिस प्रशासन ने मरकज खाली कराया, निकाले गए 2361 जमातियों में 93 कोरोना पॉजिटिव, 10 की मौत

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New Delhi

दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में तबलीगी मरकज को पूरी तरह खाली करा दिया गया है। वहां मौजूद 2361 लोगों में 93 जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जिसके मद्देनजर इस इलाके को हॉट स्पॉट घोषित कर दिया है। मरकज के जलसे में शिरकत करने वाले 10 लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशकों को खत लिखा है। उधर, पुलिस ने संचालक समेत 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे ‘तालिबानी अपराध’ करार दिया है।

निज़ामुद्दीन इलाके में करीब 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद बुधवार सुबह मरकज को खाली करा लिया गया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक 2361 जमातियों को निकाला गया है। जिनमें 617 विभिन्न अस्पतालों में भर्ती और बाकी सभी क्वारंटीन किए गए हैं। मरकज के जलसे में शरीक हुए 93 लोगों की जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। जिसके मद्देनजर इस इलाके को हॉट स्पॉट घोषित कर दिया गया है। फिलहाल, पूरे इलाके को सील करके ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है।

दिल्ली पुलिस ने तबलीगी मरकज के संचालक मौलाना साद समेत 7 लोगों के कही एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक इस जलसे में करीब 825 विदेशी नागरिकों ने शिरकत की थी। इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों के लोगों ने जमात में हिस्सा लिया। जिसके मद्देनजर राज्यों में हड़कंप की स्थिति है। दरअसल, जलसे से वापस लौटने पर उनके संपर्क में आए लोगों में संक्रमण का अंदेशा है। जिन्हें ट्रेक करना पुलिस और प्रशासन के लिए  टेढ़ी खीर है। कोरोना वायरस का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन ना हो इसके लिए जमाती और उनके सम्पर्क में आए लोगों की पहचान करके क्वारंटीन किया जा रहा है।

लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर लॉकडाउन में दिल्ली पुलिस और प्रशासन ने इस जलसे की इजाजत कैसे दे दी? खुफिया तंत्र भी इसलिए सवालिया निशानों के घेरे में है कि विदेशी नागरिकों सहित इतनी बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा थे तो वह कहां सोया हुआ था। हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि मरकज में शरीक हुए लोग लॉक डाउन की वजह से फंसे रह गए थे अथवा नहीं। मरकज की तरफ से जलसे की बाबत इजाजत लेने और पुलिस प्रशासन से पत्र व्यवहार का खुलासा किया गया। साथ ही 1000 लोगों के जमात में शामिल होने का बयान सामने आया है।

गौरतलब है कि तबलीगी जमात’ का मुख्यालय दिल्ली में प्रसिद्ध हजरत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास स्थित है। जहां यमन के नागरिकों की तबीयत बिगड़ने पर हुुुई जांच में ये मामला दो दिन पहले रोशनी में आया था। उस जमात में शिरकत करके वापस लौटे तेलंगाना के 6 लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कोरोना संक्रमण से हुई मौतों की पुष्टि की। जिसके बाद इस मामले को लेकर पूरे देश मे हड़कंप मच गया क्योंकि विभिन्न राज्यों के लोगों ने मरकज के जलसे में हिस्सा लिया था।

उधर, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस मामले पर बेहद तल्ख नुक्ताचीनी करते हुए तालिबानी अपराध की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि पूरा देश एकजुट होकर कोरोना से लड़ रहा है। ऐसे में जलसा करना लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाला एक आपराधिक जुुर्म है।

 

Photo Credit: R Kotiyal

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