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अब स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला करना खासा भारी पड़ने जा रहा है। वजह ये केंद्र सरकार इस रोक लगाने के लिए एक अध्यादेश लाने जा रही है। जिसमें डॉक्टरों पर हमला करने वाले को 6 महीने से 7 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान होगा। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हरी झंडी मिल गई। जिसके लिए 123 साल पुराने एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट 1897 में संसोधन को मंजूरी दी गई।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट मीटिंग के ब्रीफिंग करते हुए कहा कि स्वस्थ कर्मचारियों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए एक अध्यादेश लाया जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले बर्दाश्त नहीं। जिसके वजूद में आने के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।
जावड़ेकर ने बताया कि इसके जुर्म में दोषी पाए जाने पर 3 महीने से 5 साल तक सजा होगी। साथ ही हमला करने वाले व्यक्ति पर 50 हजाार के 2 लाख तक जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही गंभीर हमले के मामले में 1 से 5 लाख रुपये तक जुर्माना और दोषी पाए जाने पर 6 महीने से 7 साल तक सजा भी काटनी होगी।
इसके साथ ही दोषी को मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की गाड़ी एवं क्लीनिक को होने वाले नुकसान का दुगना हर्जाना भरना पड़ेगा। इस मौके पर जावड़ेकर ने कहा कि
आइसोलेशन के लिए 2 लाख से ज्यादा बैड तैयार हो गए हैं। इसके अलावा1.88 करोड़ PPE किट का ऑर्डर दिया गया है। इसके अलावा कैबिनेट ने फास्फेटिक फ़र्टिलाईज़र्स पर दी जाने वाली 5 फीसदी सब्सिडी को 2 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला भी किया।
(Photo: फ़ाइल)
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