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उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। धाम के कपाट आज सुबह 4 बजकर 30 मिनट ब्रह्म मुहूर्त में विधि विधान के साथ खुल गए। इस मौके पर रावल, सहित कपाट खुलने की प्रक्रिया से जुड़े लोग रहे मौजूद रहे। बदरीनाथ धाम के कपाट खुुलने के बाद पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से हुई।
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट तयशुदा मुहूर्त के हिसाब से खुल गए। धाम के रावल की मौजूदगी में जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट खोले गए। कोरोना के चलते सभी लोग मास्क लगाए थे और शोसियल डिसटेंसिंग का पालन हुआ।
इसके पहले बीते रोज आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी सहित रावल जी, श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी एवं गाडूघड़ा( तेलकलश ) योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गए थे। इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनाई दीं।
बदरीपुरी में आश्रम, दुकान, छोटे-बड़े होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे बंद है। कपाट खुलने के बाद वेद मंत्रों की ध्वनियों से बदरीशपुरी गुंजायमान जरूर हो गई। मंदिर फूलों की सजावट के साथ बिजली की रोशनी से जगमगा उठा। फिलहाल कपाट खोले गए लेकिन कोरोना के मद्देनजर अभी श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाजत नहीं है।
इस कड़ी में श्री कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे। तब रावल जी एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी एवं गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पूजा हेतु पहुंचे। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ द्वार पूजन के बाद रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए।
श्री बदरीनाथ मंदिर के रावल ने कपाट खोलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में रखा।श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान हो गये। कपाट खुलने के पश्चात मंदिर में शीतकाल में ओढ़ेे गए घृत कंबल को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। माणा गांव में हाथ से बुने गए घृत कंबल को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया जाता है।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद प्रथम पूजा-अर्चना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तरफ से की गई ।
इसके साथ ही धाम परिसर में गणेश मंदिर, हनुमान जी, भगवान बदरी विशाल के द्वारपाल घंटाकर्ण जी का मंदिर परिक्रमा स्थित छोटा मंदिर तथा आदि केदारेश्वर मंदिर, आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के द्वार भी खुल गए हैं।
इसके साथ ही अब चारो धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री औऱ यमुनोत्री के कपाट खुल गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र कोरोना महामारी समाप्त हो जायगी। यथा शीघ्र औपचारिक तरीके से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे।
(सुरेंद्र रावत के इनपुट के साथ)
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