News Front Live, New Delhi/Ladakh
भारत-चीन के बीच मई महीने से जारी तनाव के बीच थोड़ा राहत की खबर है। लदाख में दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की बात सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन में उनके समकक्ष वांग यी के बीच रविवार को टेलीफोन पर बात हुई। जिसमें दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव घटाने पर राजी हुए।
हालांकि अभी अधिकृत तौर पर सरकार की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं आया कि चीनी सेना कहां से और कितना पीछे हटी। वजह ये कि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा था कि देश की एक इंच भूमि अथवा पोस्ट पर किसी का कब्जा नहीं है। जिसके चलते सवाल भी उठ रहे थे कि आखिर लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प किसके हिस्से में हुई।
बताया जा रहा है कि इसके पहले बीते 30 जून को तीसरी आर्मी कमांडर लेबल मीटिंग हुई। जिसमें भारत-चीन सेना हटाने के साथ ही गलवान नदी के आसपास के इलाके में 3 किलोमीटर का बफर जोन छोड़ने को राजी हुए। इसी तरह 5-6 जून को हुई शुरुआती बैठक में भी इस तरह की सहमति बनी थी। आपको बता दें कि तनाव के वक्त स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रैक्टिस (SOP) के तहत दोनों देशों के बीच कमांडर/लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय वार्ता की व्यवस्था है।
लेकिन उसके ठीक बाद गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हो गई। जिसमें भारत के एक कमांडिंग कर्नल समेत 20 जवान शहीद ही गए थे। जिसके बाद भारत-चीन के बीच तनाव गहराया और दोनों तरफ से LAC के आसपास फौज का जमावड़ा बढ़ गया। इस कड़ी में भारत सरकार ने आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए चीन के 59 मोबाइल ऐप पर पाबंदी लगाकर दबाव बनाना शुरू किया
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत और चीन के बीच तनाव के माहौल में पहली बार 3 जुलाई को अचानक लेह पहुंचे। जहां उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल विपिन रावत की मौजूदगी में फौज के अफसरों के साथ लद्दाख के हालात की समीक्षा की। इसके साथ ही मोदी ने सीमा पर मुस्तैद जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
गौरतलब है कि मई महीने की शुरुआत में चीन की लद्दाख इलाके में घुसपैठ के बाद दोनों देशों के बीच भारी तनाव है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री से पहले आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे और एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया तनावग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। बहरहाल, चीन की पैंतरेबाजी की आदत के चलते अभी ये कहना मुश्किल है कि तनाव खत्म हो जाएगा लेकिन घटने की उम्मीद जगी है।
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