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Rajasthan: गहलोत सरकार का संकट टला! पायलट की राहुल-प्रियंका से हुई मीटिंग, सोनिया ने 3 सदस्यीय कमेटी बनाई

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News Front Live, New Delhi/Jaipur

लगता है सावन का सोमवार राजस्थान में कांग्रेस के लिए वरदान साबित होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले बर्खास्त मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मान गए हैं। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से बातचीत के बाद उनकी वापसी तय है। खुद पायलट का कहना है कि मुद्दे सैद्धान्तिक थे जिन्हें मैंने हाईकमान के सामने रखा है।

इसके पहले राहुल, प्रियंका गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपालन के साथ सचिन पायलट की नई दिल्ली में लंबी मीटिंग हुई। जिसके बाद राहुल और प्रियंका ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को ब्रीफ किया। इस बैठक के बाद खुद पायलट ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक 3 सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो उनके गिले शिकवे गिले शिकवों पर गौर करेगी।

गौरतलब है कि पिछले महीने पायलट के नेतृत्व में 19 विधायकों ने गहलोत सरकार  के नेतृत्व को खुली चुनौती दी थी। इस कड़ी में  उनके गुट के बागी विधायकों ने हरियाणा के एक होटल में डेरा डाल दिया था। जिसके बाद राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर खतरे के बादल मंडराते नजर आए। आमतौर पर शांत रहने वाले मुख्यमंत्री गहलोत ने पायलट को निकम्मा और नकारा तक कहा।

इस कड़ी में कांग्रेस नेतृत्व में बगावत के चलते पायलट को न सिर्फ उपमुख्यमंत्री बल्कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी बर्खास्त कर दिया था। साथ ही उनके गुट के दो मंत्रियों को भी कैबिनेट से हटा दिया गया। लेकिन अब तेजी से बदले घटनाक्रम से लगता है कि सत्र से पहले कांग्रेस के संकट की हैप्पी एंडिंग की घोषणा हो जाएगी।

हालांकि अनुभवी अशोक गहलोत ने सरकार बचाने के लिए न सिर्फ अपने गुट बल्कि निर्दलीय एवं  बी टी पी के विधायकों की किलेबंदी कर रखी थी। इस दौरान मामला राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दिल्ली दहलीज चला गया था। लेकिन अब राहुल, सोनिया प्रियंका, के दखल के बाद हैप्पी एंडिंग नजर आ रही है।

गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा सत्र आगामी 14 अगस्त से शुरू हो रहा है। इसके पहले राज्यपाल कलराज मिश्रा कथित तौर पर केंद्र के दबाव में मुख्यमंत्री तीन बार सत्र बुलाने की मांग को ठुकरा चुके थे। फिलहाल  कांग्रेस के विधायक जैसलमेर के एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं।

उधर भाजपा के भी डेढ़ दर्जन से ज्यादा विधायकों को गुजरात भेजा गया है। बहरहाल अब सचिन पायलट के ठंडे पड़ने से अशोक गहलोत सरकार स्थिर रहेगी। कांग्रेस की फूट का फायदा उठाकर गहलोत के गहलोत सरकार के गिरने और BJP के  सरकार बनाने का सपना फ़िलहाल अधूरा नजर आ रहा है।

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