News Front Live, Jaipur
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ उनके पूर्व नायब सचिन पायलट की बगावत की हैप्पी एंडिंग हुई है। हाईकमान की एंट्री के बाद दोनों पत्थरों के बीच सुलहनामा हो गया। जिसके बाद आज जयपुर में गहलोत और पायलट ने एक साथ विक्ट्री साइन दिखाकर यह जताने की कोशिश करते आए कि हम साथ साथ हैं। उधर, कांग्रेस नेतृत्व ने पूर्व मंत्री विश्वेश्वर सिंह और विधायक भंवर लाल शर्मा का निलंबन भी वापस ले लिया है।
राजस्थान में पिछले एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा कांग्रेस सरकार का गतिरोध खत्म हो गया है। विधानसभा के सत्र से ठीक पहले गहलोत और पायलट ने एक दूसरे से हाथ मिला लिया। इस कड़ी में सचिन ने पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल की मौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर अशोक गहलोत से मुलाकात की। इसके साथ ही कांग्रेस सरकार से फिलहाल अस्थिरता के बादल छठ गए हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानमंडल दल की बैठक में कहा कि जो बातें हुई अब भुला दें। हम इन 19 MLA के बिना भी बहुमत साबित कर देते। लेकिन वह खुशी नहीं होती क्योंकि अपने तो अपने ही होते हैं। इस मौक़े पर गहलोत ने कहा कि हम खुद विश्वास प्रस्ताव लाएंगे। उन्होंने कहा कि हम किसी भी MLA की शिकायत दूर करेंगे।
उधर, राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने अपने दो विधायकों का निलम्बन वापस ले लिया। जिसके बाद बर्खास्त कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने आलाकमान का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों में कभी शामिल नहीं रहा हूं। उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस अब पहले से ज्यादा मजबूत होगी।
उधर, नेता विपक्ष गुलाब कटारिया ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान किया है।