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Mathura: डॉ कफील खान जेल से रिहा, योगी सरकार पर उठाए सवाल

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के 12 घंटे बाद डॉक्टर कफील खान को मथुरा जेल से रिहा किया गया। उन्होंने न्यायपालिका और समर्थन में रहे देशवासियों का धन्यवाद किया। खान ने जेल में शुरुआती दिनों में कथित तौर पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया। Kafil Khan ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद भी रिहा करने में 12 घंटे लगाए।

डॉ कफील ने कहा कि हाईकोर्ट के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)  के तहत मेरी गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार देने से योगी सरकार के दमनकारी रवैये की पुष्टि हो गई है।उन्होंने कहा कि 7 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं। अगर वह सही सलामत  गोरखपुर  पहुंच गए तो पहले अपने घर जाकर बच्चों से मिलेंगे।

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गौरतलब है कि डॉक्टर खान ने  NRC और CAA के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)में भाषण दिया था। जिसके आधार पर योगी सरकार की पुलिस ने  उन्हें NSA के तहत जेल भेज दिया गया था। खान 2017 के दौरान उस वक्त चर्चा में आए जब गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत हो गई थी।

इस कड़ी में योगी आदित्यनाथ के गृह नगर स्थित इस मेडिकल कॉलेज में डॉ खान को लापरवाही और कथित भ्रष्टाचार में लिप्तता के आरोप में निलंबित कर जेल भेज दिया गया। दिलचस्प बात ये है कि सरकारी जांच  रिपोर्ट में कफील ना सिर्फ बेदाग साबित पाए गए बल्कि उन्हें क्लीन चिट भी मिल गई थी।

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उसके बाद खान को CAA-NRC विरोधी आंदोलन के दौरान अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में स्पीच देने के बाद मे पुलिस ने एनएसए लगाकर मथुरा जेल भेज दिया था। जिसके बाद देशभर में उनके समर्थन में आवाजें उठीं। इस कड़ी में सोशल मीडिया पर भी कफील की रिहाई के लिए अभियान चलाया गया। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर वह 7 महीने बाद जेल से रिहा हुए हैं।

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डॉ कफील ने रिहाई के बाद कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने कथित तौर पर उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे कि वह आतंकवादी हो। उन्होंने कहा कि जिस स्पीच के आधार पर उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया। उसमें उसमें रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के अलावा गांधीवादी तरीके से कानून के दायरे में विरोध करने का ज़िक्र था। जिसकी उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में तस्दीक कर दी है।

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(Photo: स्क्रीनशॉट FB पेज कफील खान)

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