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Sex स्कैंडल: नए आरोपों का ‘माइंड गेम’ ! कोर्ट के हुक्म पर MLA पर दुष्कर्म की FIR

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News Front Live, Dehradun

उत्तराखंड के चर्चित कथित सेक्स स्कैंडल में भाजपा MLA  महेेेश नेगी और उनकी पत्नी रीता नेगी के खिलाफ FIR दर्ज हो गई। इसके पहले देहरादून पुलिस सरकारी दबाव में पीड़िता की रिपोर्ट लिखने से बच रही थी। लेकिन अदालत के हुक्म के बाद विधायक दम्पत्ति खिलाफ IPC की धारा 376 (दुष्कर्म) और 506 के तहत मुकदमा कायम हो गया। अब तक इस प्रकरण में पुलिस के समक्ष करीब 7 तहरीर आ चुकी हैं।

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इस हाई प्रोफाइल मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद दोनों पक्षों की तरफ से नए सिरे से ‘माइंड गेम’ शुरू हो गया है। जहां विधायक पत्नी ने पुलिस को फिर एक तहरीर देकर कथित यौन शोषण के आरोप लगाने वाली महिला पर अपने परिचितों को धमकाने की तोहमत लगाई है। वहीं पीड़िता ने जांच करने वाली महिला दारोगा को बदलने की मांग की। इस कड़ी में देहरादून के SSP ने थाने की बजाय इन्वेस्टिगेशन स्क्वाड (SIS) को जांच का जिम्मा दे दिया।

आपको बता दें कि देहरादून की ACJM अदालत के आदेश पर पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज की। इसके पहले MLA पत्नी की तहरीर पर पहले हो चुकी FIR के मद्देनजर गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 14 अक्टूबर तक ‘अरेस्टिंग स्टे’ देते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा था।

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गौरतलब है कि मूल रूप से द्वारहाट की रहने वाली एक महिला ने भाजपा विधायक महेश नेगी पर कथित रूप से शारीरिक शोषण करने  का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी के पिता होने की संभावना जताते हुए DNA जांच की मांग की है। वहीं, विधायक महेश नेगी की पत्नी ने संबंधित महिला के खिलाफ ब्लैकमेल करके 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का देहरादून पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था।

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महिलाआयोग एवं SCPCR ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट:

इस प्रकरण में विधायक नेगी बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायती पत्र लिखकर आरोप लगाने वाली महिला के कोर्ट के आदेश के बिना अपनी बच्ची का DNA कराने की जांच की मांग की थी। उनके पहले आयोग के एक पूर्व सदस्य हरि सिंह ने आयोग को एक शिकायती पत्र लिखा। जिसमें यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के अपनी पुत्री के DNA जांच करवाने पर चिंता जताई।

सिंह ने कहा था कि उसने फेसबुक पर इसका प्रचार करके अपनी बच्ची का सामाजिक जीवन शुरू होने से पहले ही जीवन बर्बाद करने का काम किया। वहीं आरोप लगाने वाली महिला ने कहा था कि DNA की मांग पर विधायक ने आत्महत्या करने की धमकी दी। आयोग आयोग की चैयरमेन उषा नेगी ने देहरादून के पुलिस कप्तान से दोनों पत्रों की जांच करके रिपोर्ट मांगी।

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BJP प्रदेश नेतृत्व के सामने विधायक की हुई पेशी:

उधर, MLA महेश नेगी ने भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के सामने हाल में हुई पेशी के दौरान विपक्षी कांग्रेस पर बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मैं पुलिस को सहयोग कर रहा हूं और हर जांच के लिए तैयार हूं।

इस कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि विधायक DNA जांच के लिए तैयार हैं लेकिन यह सिर्फ कोर्ट के आदेश पर ही होता है। चूंकि पुलिस की जांच अभी चल रही है लिहाजा उसकी रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए। लेकिन बाद MLA ने तुर्रा छेड़ दिया कि मेरे खर्च पर महिला का नार्को टेस्ट कराए जाए ताकि पता चले कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं।

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तो कथित DNA रिपोर्ट फर्जी है !

उधर, खबर है कि आरोप लगाने वाली महिला ने जिस लैब से कथित तौर पर बच्ची का DNA टेस्ट कराया, पुलिस जांच में उसकी पुष्टि नहीं हो पाई।

बहरहाल, आगामी विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही विधायक नेगी की बलात्कार का मुकदमा दर्ज होने के बाद मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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