News Front Live, New Delhi
राज्यसभा में कृषि सुधार से जुड़े 2 विधेयक भारी हंगामे में ध्वनि मत से पारित हो गए। विपक्षी सांसद उपसभापति के आसन तक पहुंच गए। इस दौरान बिल की प्रतियां और रूल बुक फाड़ने की कोशिश भी की गई। मार्शलों के साथ छीना-झपटी में उपसभापति के माइक भी टूट गए। जहां विपक्ष ने विधेयकों को किसान विरोधी करार दिया। वहीं सरकार ने विपक्ष के आचरण को लोकतंत्र के खिलाफ बताया है।
दरअसल, विपक्ष उपसभापति हरिवंश सिंह के ध्वनिमत से मतदान कराने के लिए सदन का समय बढ़ाने के फैसले पर एतराज था। नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अगले दिन भाषण पूरा करने के बाद मतदान के लिए कहा। लेकिन सत्तापक्ष उसे पूरा करके वोटिंग चाहता था। इस कड़ीं में विपक्षी सदस्यों ने तोमर का भाषण नहीं होने दिया।
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देखते ही देखते हंगामा बरपा गया और विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए। TMC के डेरेक ब्राउन ने रुलबुक फाड़ने की असफल कोशिश की। वहीं APP के संजय कुमार समेत अन्य सदस्यों ने उपसभापति के सामने नारेबाजी की। उस हंगामे के बीच कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 और कॄषक कीमत आश्वासन सेवा करार विधेयक 2020 ध्वनिमत से पारित करा दिए गए।
इस कड़ीं में राजनाथ सिंह ने सदन में कृषि सुधार बिल पारित होने के बाद आधा दर्जन मंत्रियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्ष के आचरण को दुर्भाग्यपूर्ण और संसदीय गरिमा के खिलाफ बताया। राजनाथ ने बिलों को किसानों के हित में बताते हुए उपसभापति के साथ हुए दुव्यर्वहार की निंदा की।
(Photo स्क्रीनशॉट RSTV)
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